जबलपुर

बाजार से गायब 50 और 100 रुपए के स्टाम्प

वेंडर जिला कोषालय कार्यालय के चक्कर लगाने के मजबूर

जबलपुरMar 04, 2024 / 12:51 pm

gyani rajak

stamp

जबलपुर. जिले में 50 और 100 रुपए के स्टाम्प का स्टॉक खत्म होने के कारण वेंडर और ग्राहक दोनों परेशान हैं। यह हालत जबलपुर नहीं बल्कि आसपास के जिलों में बीते दो महीनों से बनी हुई है। जिनके पास पुराना स्टॉक था, उन्होंने जैसे-तैसे काम चलाया। अब उनके हाथ खाली हैं। ध्यान देने वाली बात यह है कि जून में नासिक िस्थत प्रिंटिंग प्रेस में डिमांड भेजी थी। उसकी सप्लाई अभी तक नहीं हुई है। वेंडर जिला कोषालय कार्यालय के चक्कर लगाने के मजबूर हैं।

जबलपुर स्टाम्प पेपर के लिए मध्यप्रदेश के सबसे बडे़ डिपो में शामिल हैं। यहां से न केवल जबलपुर बल्कि कटनी, रीवा, सिवनी, मंडला, नरसिंहपुर, डिंडौरी, सतना, सीधी, सिंगरौली, शहडोल, उमरिया, अनूपपुर, छिंदवाड़ा भी स्टाम्प भेजे जाते हैं। इसलिए इन जिलों में कम मूल्य के स्टाम्प पेपर की कमी बनी हुई है। हाल में 10 और 20 रुपए के पेपर आए हैं। उन्हें हैदराबाद से मंगाया गया है। जिन्हें 50 या 100 रुपए के स्टाम्प चाहिए, उन्हें कम मूल्य के पेपर लेकर काम चलाना पड़ रहा है।

100 से ऊपर ई स्टाम्प की व्यवस्था

अभी 10, 20, 50 और 100 रुपए मूल्य के नॉन जूडिशियल्स स्टाम्प पेपर बाजार में मिलते हैं। इससे ऊपर के मूल्य के स्टाम्प कम्प्यूटर से जारी होते हैं। इन्हें ई-स्टाम्प कहा जाता है। हालांकि कम मूल्य के स्टाम्प भी जनरेट किए जा सकते हैं लेकिन इसमें वेंडर्स इसे नुकसानदायक मानकर जारी नहीं करते हैं। वे पेपर के रूप में ही स्टाम्प का विक्रय करते हैं। इसमें उन्हें फायदा भी होता है। अब स्टाम्प पेपर की आपूर्ति में बहुत देर हो रही है। दिसंबर में आना था, अब मार्च बीत रहा स्टाम्प की खेप को दिसंबर माह में आ जानी थी। जिला कोषालय विभाग से दो तिमाही के हिसाब से डिमांड भेजी गई थी। इसमें अक्टूबर से दिसंबर और जनवरी से मार्च का पीरियड शामिल है। इसके लिए वाणिज्यिक कर विभाग के अंतर्गत महानिरीक्षक पंजीयन एवं अधीक्षक मुद्रांक को पत्र लिखा जाता है। फिर वहां से भारत प्रतिभूति मुद्रणालय नासिक डिमांड भेजी जाती है। वहां से मुद्रणालय को राशि भेजी जाती है। मगर उसमें देरी के कारण आपूर्ति में बाधा आई है। बीच में जरुरत से अवगत नहीं करवाने के कारण अभी तक इसकी खेप नहीं पहुंची है जबकि चालू वित्तीय वर्ष बीत रहा है।

 

100_stamp.jpg

कई कामों में होता है उपयोग

कोषालय की तरफ से छह लाख स्टाम्प पेपर 50 रुपए तो इतने ही स्टाम्प 100 रुपए मूल्य के लिए मांग पत्र भेजा गया था। इनकी कीमत 9 करोड़ रुपए होती है। ज्ञात हो कि कम कीमत के स्टाम्प की जरुरत कई प्रकार के कामों में होती है। शपथ पत्र से लेकर एग्रीमेंट में इन दोनों का इस्तेमाल होता है। आज कर हर विभाग छोटे-मोटे कामों में भी शपथ पत्र लेता है। स्कूल और कॉलेज में भी इनका चलन हो गया है।

50 और 100 रुपए मूल्य के नॉन ज्यूडिशियल स्टाम्प पेपर की कमी है। इसके लिए छह की जरुरत के हिसाब से मांग पत्र भेजा गया था। अगले कुछ दिनों में यह उपलब्ध हो जाएगा। फिर इसे वेंडर को भेजा जाएगा।

विनायिका लकरा, वरिष्ठ जिला कोषालय अधिकारी

Hindi News / Jabalpur / बाजार से गायब 50 और 100 रुपए के स्टाम्प

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.