समूह लोन की राशि हड़पी
रांझी वीकल निवासी ऊषा चौधरी ने शिकायत में बताया कि मनमोहन नगर निवासी एक महिला ने दो जून को माइक्रो फाइनेंस कम्पनी से लोन दिलाने के नाम पर दो समूहों का गठन किया। दोनों समूह में उसके अलावा विमला चौधरी, रश्मि कोल, लक्ष्मी मेहरा, दुर्गा यादव और बबीता गोवेल को जोड़ा। इंडियन बैंक में उसके नाम का खाता खुलवा कर खुद का मोबाइल नम्बर लिखवा दिया। 31 जुलाई और 20 अगस्त को खाते में आए लोन के 50 हजार रुपए उक्त महिला ने निकाल लिए। फाइनेंस कम्पनी का कर्मी किश्त लेने आया, तब ठगी का पता चला।
आरक्षक मांग रहा पैसे
भरत कॉलोनी मढ़ई वीकल निवासी विजय बाल्मीक ने शिकायत में बताया कि उसने बेटी की शादी के लिए 2014 में डुमना एयरपोर्ट पर पदस्थ एक आरक्षक से 80 हजार रुपए उधार लिए थे। 2015 में ब्याज सहित 1.30 लाख रुपए लौटा दिए। चार वर्ष बाद उसने 20 हजार रुपए और लिए। अब फोन पर धमकी देकर और पैसों की मांग कर रहा है। कंजड़ मोहल्ला, घमापुर निवासी अवतार जाट ने शिकायत की कि उसने दो साल पहले मोहल्ले की दो महिलाओं से 20 प्रतिशत ब्याज पर 10 हजार रुपए उधार लिए थे। एक वर्ष तक ब्याज देता रहा। जीसीएफ में उसकी गार्ड की नौकरी थी। उसे निलम्बित कर दिया गया। उसकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है।10 हजार रुपए वह किश्तों में लौटाना चाहता है, लेकिन ब्याज की रकम देने की हैसियत नहीं है।
2.25 लाख चुकाया, कम्पनी और मांग रही पैसे
करौंदा नाला निवासी रामकिशोर गुप्ता ने बताया कि वह फुल्की का ठेला लगाता है। जनवरी 2009 में उसने गोलबाजार स्थित एक माइक्रो फाइनेंस बैंक से 1.50 लाख रुपए लोन लिया था। मासिक किश्त 15 वर्ष के लिए निर्धारित की गई थी। हर महीने 1801 रुपए की दर से अब तक 2.25 लाख का भुगतान कर चुका है। कम्पनी हर वर्ष ब्याज दर में बदलाव कर देती है। कम्पनी उससे अभी 1.25 लाख रुपए और मांग रही है।