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सफाई में 7 करोड़ खर्च, फिर भी सफाई जमींदोज

locationजबलपुरPublished: Jan 18, 2020 12:48:31 am

Submitted by:

Mayank Kumar Sahu

लंबी चौड़ी फौज, फिर सफाई जमींदोज दो दिनों तक नहीं उठता है घरों से कचरा, स्वास्थ्य कर्मियों से लेकर अफसरों की है लंबी चौड़ी फौज, ठेके पर ही खर्च हो रहे करोड़ों रुपए, सर्वे टीम के दौरान भी नालों की सिल्ट नहीं उठी

7 crore spent in cleaning, yet cleaning

7 crore spent in cleaning, yet cleaning

फैक्ट फाइल

निगम वार्ड-79

सफाई कर्मी-3000

संविदा कर्मी-448

नियमित कर्मी-1023

हरवार्ड में सफाई कर्मी-37

सफाई ठेका-7 करोड

जोन-15

सफाई अधिकारी-70

संसाधनों की मौजूदा स्थिति

कचरा उठाने के वाहन -158

वाहन निगम के डोर डू डोर कचरा कलेक्शन में-200 के लगभग

निगरानी की ये व्यवस्था लागू

-1 सुपरवाइजर हर वार्ड में

-1-1 सीएसआई हर जोन में

जबलपुर।

नगर निगम में सफाई कर्मियों से लेकर साहबों की लंबी चौड़ी फौज है। इस फौज पर करोड़ों रुपए भी खर्च किए जा रहे हैं लेकिन इसके बाद भी सफाई व्यवस्था बेदम है। डोर टू डोर कचरा कलेक्शन हो या फिर नाले-नालियों की सफाई दोनों ही लडख़ड़ाई हुई है। स्वच्छता सर्वेक्षण कसात करोड़ होते हैं खर्च े दौरान जहां शहर पहुंची केंद्रीय निरीक्षण टीम जहां घूम घूमकर जाएजा ले रही है तो वहीं नालों से निकाली गई सिल्ट को सफाई कर्मी उठाने से परहेज करते रहे। जबकि सफाई व्यवस्था को लेकर शहर को नंबर एक बनाने के लिए कलेक्टर, निगम कमिश्नर खुद वार्डों का दौरा कर रहे हैं।

सात करोड़ होते हैं खर्च

शहर में सफाई व्यवस्था के लिए करीब 3 हजार सफाई कर्मी तैनात हैं। नगर निगम के खुद के कर्मचारियों के अलावा प्राइवेट कर्मचारी भी निगम द्वारा लगाए गए हैं। शहर की सफाई व्यवस्था में करीब सात करोड़ रुपए खर्च किए जाते हैं। इतना सबकुछ होने के बाद भी सफाई नहीं हो पा रही है।

तगड़ी निगरानी फिर भी बेअसर

निगम सफाई के लिए तगड़ी निगरानी व्यवस्था की है। लेकिन यह व्यवस्था केवल कागजों में ही है। सफाई कर्मचारियों पर नजर रखने के लिए सुपरवाइजर नियुक्त किए गए हैं। सुपरवाइजर पर नजर बनाए रखने के चीफ सेनिटरी इंस्पेक्टर नियुक्त हैं। इन पर नजर रखने के लिए करीब 70 अफसर तैनात हैं। इसके बावजूद जबलपुर शहर का कचरा साफ नहीं हो पा रहा है।

दो-दो दिनों में पहुंचते हैं वाहन

लोगों की शिकायत है कि डोर टू डोर कचरा कलेक्ट करने वाले ट्रिपर वाहन दो-दो दिनों बाद पहुंचते हैं। ऐसे में घरों में रखा कचरा भर जाने के कारण उन्हें सडक़ किराने अथवा नाले-नालियों में लोगों को फेंकने की मजबूरी होती है। संजीवनी नगर, दुर्गाकालोनी, गंगा नगर, मेडिकल, जगदंबा कॉलोनी, सरस्वती कॉलोनी क्षेत्र में कुछ इसी तरह की शिकायतें हैं।

-सफाई कार्य को लेकर सख्त निर्देश दिए गए हैं। अधिकारी भी मॉनीटरिंग कर कर रहे हैं। यदि नियमित रूप से कचरा गाडिय़ां नहीं आ रही हैं या कचरा नहीं उठाया जा रहा है तो इसकी जांच कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

-भूपेंद्र सिंह, स्वास्थ्य अधिकारी ननि

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