जबलपुर

77 करोड़ का बजट पास, लेकिन मानद उपाधि के लिए नहीं बनी एकराय

रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय कार्यपरिषद की बैठक में बजट पर लगी मुहर

जबलपुरFeb 23, 2019 / 12:55 am

shyam bihari

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जबलपुर। रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में शुक्रवार को कार्यपरिषद की बैठक हुई। इसमें बजट और मानद उपाधि का मसला छाया रहा। विश्वविद्यालय प्रशासन ने बैठक में 77 करोड़ रुपए का बजट अनुमति के लिए रखा। इसमें जितनी आय थी उतना ही व्यय दर्शाया गया था। कुछ आपत्तियों के बाद कार्यपरिषद ने बजट पारित कर दिया, लेकिन मानद उपाधि पर एकराय नहीं बन सकी।
कार्यपरिषद में राज्य शासन से अनुदान राशि नहीं मिलने का मामला भी रखा गया, इसे को-ऑर्डिनेशन कमेटी के समक्ष उठाने पर निर्णय कया गया। बैठक में कुलपति प्रो. कपिल देव मिश्र, कुलसचिव प्रो. राकेश वाजपेयी, वित्त कंट्रोलर सुरेश कतिया, कार्यपरिषद सदस्य, डॉ. विद्यासागर, निखिल देशकर, सुशीला मार्को, प्रो. भरत तिवारी, प्रो. शैलेष चौबे मौजूद थे।
विश्वविद्यालय में होने वाले दीक्षांत समारोह में मानद उपाधि के लिए एक भी नाम तय नहीं हो सका। पूर्व इसी मेम्बर ने मानद उपाधिक के लिए पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का नाम प्रस्तावित किया। विधिवत प्रस्ताव नहीं आने, राजनीतिक पृष्ठभूमि होने, चुनाव आचार संहिता का मामला बनने आदि को देखते हुए कार्यपरिषद कोई निर्णय नहीं ले सकी। कार्यपरिषद सदस्य निखिल देशकर, विद्यासागर ने कहा, विवि प्रशासन मानद उपाधि देने से पहले उससे दीक्षांत समारोह में आने की सहमति ली जाए। कार्यपरिषद में शामिल कुछ डीन कर्मचारियों की खिलाफत करते नजर आए। उन्होंने कहा, सातवें वेतनमान के लाभ और एरियर्स का भुगतान करने के लिए बजट कम पड़ेगा। उन्होंने बजट बढ़ाने की मांग भी की।
ये निर्णय भी हुए
– अतिथि विद्वानों की यूजीसी नियमों के तहत नए सिरे से नियुक्ति की जाएगी
– नए सत्र से अतिथि विद्वानों को तीस हजार रुपए वेतन की मंजूरी
– तृतीय-चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के बच्चों को शिक्षण शुल्क में छूट
– नर्मदा सेवा पुरस्कार शुरू किया जाएगा
इन मुद्दों पर भी हुआ विचार
– डॉ. परवीन सहनारा खातून की डीलिट् उपाधि प्रकरण
– अर्थशास्त्र विभाग कके ऐसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अभिताभ शुक्ला का वेतन भुगतान रोकने के सम्बंध में
– विभिन्न विषयों के शोधार्थियों को मौखिक परीक्षा के आधार पर पीएचडी उपाधि प्रदान करने पर
– डीएवीवी और समन्वय समिति की बैठक में मान्य प्रस्ताव को विश्वविद्यालय में लागू करने के संबंध में
– आरआर गुप्ता (सेवानिवृत्त उपनियंत्रक प्रेस) की डुप्लीकेट सेवा पुस्तिका पर कार्यपरिष के अनुमोदन पर
– वार्षिक-सेमेस्टर परीक्षाओं के नतीजे तैयार करने पर
– विश्वविद्यालय में बाह्य एजेंसियों से सुरक्षा गार्डों की सेवा लेने के सम्बंध मेें

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