जबलपुर

जबलपुर में 8 लोग जिंदा जले, सैकड़ों लोग देखते रह गए – देखें लाइव वीडियो

चीत्कार- बाहर निकलने नहीं मिला रास्ता
 

जबलपुरAug 02, 2022 / 10:12 am

Lalit kostha

burnt alive in Jabalpur

जबलपुर। शहर के न्यू लाइफ मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल में लगी भीषण आग से 8 लोग जिंदा जल गए। इनमें पांच मरीज और तीन स्टाफ के सदस्य हैं। हादसे के वक्त 30 मरीज अस्पताल में भर्ती थे। कई के परिजन भी साथ थे। इनमें 18 से अधिक या तो झुलस गए या फिर धुएं की वजह से अचेत हो गए। मरीजों को यहां से मेडिकल कॉलेज और निजी अस्पतालों में शिफ्ट किया गया है। आग लगने से तीन मंजिला अस्पताल पूरी तरह से तहस-नहस हो गई। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घटना पर दु:ख जताते हुए मृतकों के आश्रितों को 5-5 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है।

हादसा नहीं हत्या: जबलपुर के निजी अस्पताल में भीषण आग

 

घटना सोमवार दोपहर 2.45 बजे की है। तीन मंजिला अस्पताल के आइसीयू में 4 और 18 से अधिक मरीज दूसरे वार्डों में भर्ती थे। स्टाफ और मरीजों के परिजन सहित 35 से अधिक लोग अस्पताल के भीतर थे, तभी भूतल से ऐसा आग का गोला उठा कि देखते ही देखते पूरा अस्पताल धधकने लगा। अंदर आने और बाहर जाने का दरवाजा एक ही था, इसलिए सभी भीतर फंस गए। आग में झुलसने के कारण अब तक 8 लोगों की मौत हुई है। नगर निगम की 8 दमकलों ने डेढ़ घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया, लेकिन तब तक सब कुछ खाक हो चुका था। शुरुआती जांच में पता चला कि अस्पताल का फायर सेफ्टी के लिए नगर निगम से जारी अस्थाई एनओसी मार्च 2022 में ही समाप्त हो चुकी थी। उससे पहले अस्पताल संचालक को फायर सेफ्टी सिस्टम लगाकर स्थाई लाइसेंस लेना था, लेकिन उसने पहल नहीं की।

 

मृतकों में से 8 की पहचान हुई

आग से तीन मंजिला बिल्डिंग पूरी तरह जल गई। 8 लोगों की हालत गंभीर है, उन्हें मेडिकल कॉलेज और निजी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। मरीजों की हालत को देखते हुए अभी मौत का आंकड़ा बढ़ने की आशंका है। बताया जा रहा है कि आग लगने के बाद मरीजों को बचाने के दौरान कुछ लोग अंदर गए, जो बाहर नहीं निकल सके। लपटें इतनी तेज थीं कि कमरे में फंसे लोगों को बाहर निकालना बेहद मुश्किल था। कुछ लोगों को खिड़की और दरवाजे तोड़कर बाहर निकाला गया।

 

1. वीर सिंह (30) पिता राजू ठाकुर, निवासी न्यू कंचन पुर, आधारताल, जबलपुर (स्टाफ सदस्य)

2. स्वाति वर्मा (24) निवासी- नारायणपुर, मझगंवा, सतना (स्टाफ सदस्य)

3. महिमा जाटव (23) निवासी नरसिंहपुर (स्टाफ सदस्य)

4. दुर्गेश सिंह (42) पिता गुलाब सिंह, निवासी आगासौद, पाटन रोड, माढ़ोताल जबलपुर

5. तन्मय विश्वकर्मा (19), निवासी खटीक मोहल्ला, घामापुर जबलपुर

6. अनुसूइया यादव (55), पति धर्मपाल, चित्रकूट, मानिकपुर

7. सोनू यादव 26, पिता- श्रीपाल, चित्रकूट, मानिकपुर

8. संगीता बरकड़े, 22, निवासी बरेला, जबलपुर

 

साहब, मुझे तो मेरा भाई लौटा दो…
सर… सर… मेरा भाई मुझे दे दो… मैं उसका इलाज कराऊंगी, उसे ठीक करा लूंगी सर…! उसकी चार माह की बेटी है। मां घर में उसका इंतजार कर रही है। मैं क्या जवाब दूंगीं? अग्नि हादसे में मृत हुए वीर सिंह की बहन के इन स्वरों को जिसने भी सुना, उसके आंसू छलक उठे। रक्षाबंधन के पहले भाई का यूं हमेशा के लिए चले जाने की बात पर न तो रोशनी भरोसा कर पा रही थी और न ही दूसरी बहन चांदनी। वे प्रार्थना कर रही थीं कि इकलौते भाई को एक बार उनके सामने खड़ा कर दे। पुलिस ने पंचनामा के दौरान बहनों के नाम पूछे, तो वे पुलिस से प्रार्थना करने लगीं कि उनके भाई के शव का पोस्टमार्टम न कराया जाए।

 

जो बचाने अंदर गए, वे भी लपटों में फंसे
फायर फाइटर अनुज दुबे, सिलास दयाल व इलेक्ट्रिकल दुकान में काम करने वाले शहनवाज ने अपनी जान जोखिम में डालकर तीन की जान बचाई। टीआइ विजय तिवारी, अनिल गुप्ता के साथ कई और पुलिस वालों ने मुश्किल हालात का सामना करते हुए कई लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला।

 

चार माह पहले खत्म हो गई थी फायर सेफ्टी एनओसी
आठ जिंदगियों को खाक में बदल देने वाले न्यू लाइफ मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल को लेकर बड़ी जानकारी सामने आई है। अस्पताल का फायर सेफ्टी के लिए नगरनिगम से जारी अस्थाई एनओसी मार्च 2022 में ही समाप्त हो चुकी थी। उससे पहले अस्पताल संचालक को फायर सेफ्टी सिस्टम लगाकर स्थाई लाइसेंस लेना था। लेकिन उसने किसी तरह की पहल नहीं की। नगरनिगम ने भी केवल सीएमएचओ कार्यालय को चिट्ठी भेजकर अपने काम से छुट्टी पा ली कि अस्पताल के पास फायर सेफ्टी के मापदंड नहीं हैं। दोनों ही विभाग आगे की कार्रवाई किए बिना फाइल दबाकर बैठ गए।

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