-11 हजार से अधिक छात्र कमजोर
-42 फीसदी पास औसत परिणाम
-600 शिक्षकों की पढ़ाई दांव पर
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इतने प्रशिक्षण फिर भी काम नहीं
-सेवा कालीन प्रशिक्षण
-ग्रीष्मकालीन प्रशिक्षण
-बेस लाइन टेस्ट
-ब्रिज कोर्स ट्रेनिंग
-दक्षता प्रशिक्षण
मयंक साहू @ जबलपुर.
प्रदेश के सरकारी स्कूलों में करोडा़ें रुपए खर्च करने के बाद भी शाला में सुधार नहीं आ रहा है। दूसरी और शिक्षा विभाग के अधिकारी शिक्षकों के ट्रांसपर में व्यस्त हैं। हालात यह है कि 70 फीसदी बच्चे आठवी से नवंी में पढऩे लायक नहीं है। स्कूल शिक्षा ने तीसरी से पांचवी, छठवीं से आठवी और आठवीं से नवमी में आए विद्यार्थियों का ब्रिज कोर्स कराया था। इसके परिणाम सामने आए तो स्कूलों में पढ़ाई की हकीकत सामने आ गई। प्राइमरी मिडिल के शिक्षकों ने बेस लाइन टेस्ट में अपना रिजल्ट फिर भी बेहतर बता दिया लेकिन जब आठवीं से नवमीं के विघार्थियों का बेस लाइन टेस्ट का परिणाम सामने आया हिंदी जैसे विषय में मात्र 14 फीसदी बच्चे ही पास हो पाए जबकि गणित और अंग्रेजी विषय में परिणाम 6 फीसदी रहा। जबलपुर जिले का औसत परिणाम 47 फीसदी रहा है जिसे डी ग्रेड में रखा गया है।
शिक्षकों को दक्ष बनाने ट्रेनिंग भी फेल
हर साल स्कूल शिक्षा विभाग शिक्षकों को पारंगत करने के लिए करीब आधा दर्जन विभिन्न ट्रेनिंग आयोजित करता है। इसमें ग्रीष्म कालीन प्रशिक्षण्, सेवाकालीन, ब्रिज कोर्स, बेस लाइन टेस्ट, दक्षता परीक्षा आदि शामिल हैं। प्रशिक्षण में पढ़ाने के कौशल के साथ ही नए नए आ रहे बदलाव से भी पारंगत किया जाता है। जिसमें राज्यस्तर के विषय विशेषज्ञ शामिल होते हैं। छात्रों को दक्ष बनाने, समझाने, पढ़ाने के तरीकों, नए आयामों जैसी जानकारी दी जाती है लेकिन यह ट्रेनिंग भी फेल साबित हो रही है।
लाखों रुपए हर साल खर्च
विभिन्न प्रशिक्षणों के नाम पर विभाग हर साल लाखों रुपए खर्च करता है। जिले में ही करीब 30 से 40 लाख की राशि प्रशिक्षण के नाम पर खर्च की जाती है। साथ ही लाखों रुपए शिक्षकों को टीए डीए के रूप में दिए जाते हैं। लेकिन इसके बावाजूद भी शिक्षक न तो ठीक से बच्चों को पढ़ा पा रहे हैं न ही खुद को बेहतर बना पा रहे हैं। हर साल करीब 400 से 600 शिक्षकों को कक्षा वार ट्रेंड किया जाता है।
-विभागीय रिपोर्ट में शिक्षा का स्तर कमजोर सामने आना चिंताजनक है। कक्षा आठवीं में छात्रों की शिक्षा के प्रति कोई ध्यान नहीं दिया गया है। ऐसे हाई एवं हायर सेकेंडरी स्कूलों के केचमेंट में आने वाली मिडिल स्कूलों के शिक्षकों के विरूद्ध कार्रवाई की जा रही है।
-जयश्री कियावत, आयुक्त लोक शिक्षण