scriptसिर पर लोकसभा चुनाव, 90 फीसदी ने वापस नहीं लिए शस्त्र | 90 percent of the people did not return the weapons | Patrika News

सिर पर लोकसभा चुनाव, 90 फीसदी ने वापस नहीं लिए शस्त्र

locationजबलपुरPublished: Feb 06, 2019 01:18:21 am

Submitted by:

prashant gadgil

कागजी कार्रवाई से बचने के लिए ढूंढा नया तरीका, विधानसभा चुनाव की आचार संहिता के समय किए थे जमा
 

Now the patronage of illegal weapons

Now the patronage of illegal weapons

जबलपुर। निजी सुरक्षा के लिए रखे गए लाइसेंसी हथियारों को लोगों ने विधानसभा चुनाव के बाद थानों से वापस नहीं लिया है। 90 फीसदी से ज्यादा लोग एेसे हैं जिन्होंने विधानसभा चुनाव की आचार संहिता के समय इन्हें जमा किया था। इसकी वजह लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होना है। यह मार्च तक संभावित है। फिर से पूरी प्रक्रिया से बचने लोगों ने यह रास्ता चुना है। एक सैकड़ा से ज्यादा लोग इन्हें ले गए। इसमें ज्यादातर एेसे हैं जिन्हें अपनी सुरक्षा के लिए इनकी जरूरत है।जिले में वर्तमान में करीब 6 हजार से ज्यादा लाइसेंसी हथियार जिला प्रशासन की शस्त्र शाखा में दर्ज हैं। वहीं पुलिस रेकॉर्ड में करीब 55 सौ हथियार हैं। बाकी हथियार एेसे हैं जिनके पते तक ठीक नहीं हैं। इनका रेकॉर्ड अभी तक पुलिस या जिला प्रशासन के पास नहीं मिला है। इसलिए चुनाव से पहले इन हथियारों के लाइसेंस को निरस्त कर दिया गया था।
ज्यादातर के पास 12 बोर गन
बताया जाता है कि जिन हथियारों को शस्त्र शाखा ने लाइसेंस दिया है उनमें से सबसे ज्यादा १२ बोर गन हैं। यह लोगों की पहली प्राथमिकता में रहती हैं। एक अनुमान के अनुसार 50 से 60 फीसदी हथियार इसी श्रेणी में आते हैं। इसके अलावा भरमार, रायफल और पिस्टल व रिवाल्वर की संख्या भी काफी अधिक है।
लंबी होती है जमा करने की प्रक्रिया
लाइसेंसी हथियारों को आचार संहिता लगने के उपरांत जमा करवाना पड़ता है। जिला प्रशासन की शस्त्र शाखा लाइसेंसी हथियारों की सूची पुलिस विभाग को सौंपती है। फिर हथियार मालिक को संबंधित थानों में जाकर लाइसेंस और हथियार का प्रकार बताना पड़ता है। इस प्रक्रिया में यह भी देखा जाता है कि कहीं लाइसेंस निरस्त तो नहीं हो चुका है।

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