खरीदी केंद्र बरेला समिति ने इस वर्ष 56 हजार क्विंटल गेहूं खरीदा है, जिसमें से अभी 18 हजार क्विंटल गेहूं केंद्र में रखा है। खरीदी केंद्र पिंडरई समिति ने इस बार 43 हजार क्विंटल गेहूं की खरीदी की है, जिसमें बमुश्किल 17 हजार क्विंटल गेहूं का ही परिवहन हो सका है। शेष 25 हजार क्विंटल गेहूं अब भी केंद्र में रखा हुआ है।
कलेक्टर के आदेश की अनदेखी
कलेक्टर ने ट्रांसपोट्र्स को छह जून तक सभी केंद्रों से गेहूं उठाने के सख्त निर्देश दिए थे, लेकिन कलेक्टर के निर्देशों को भी ताक पर रख दिया गया है। इसका प्रत्यक्ष प्रमाण खरीदी केंद्रों में पड़ा हुआ हजारों क्विंटल गेहूं है।
हर वर्ष यही स्थिति
परिवहन की कछुआ चाल के कारण प्रतिवर्ष खरीदी केंद्रों में यही स्थिति निर्मित होती है, जिसके कारण खरीदी समाप्ति के पश्चात भी महीनों तक गेहूं केंद्र में परिवहन के इंतजार में खुले में रखा रहता है। विपणन संघ का ट्रांसपोर्टर पर शुरू से ही अंकुश न होने के कारण यह स्थिति निर्मित होती है।
गेहूं के बारिश में खराब होने की आशंका
बे-मौसम बारिश और प्री मानसून बारिश होने की संभावना से केंद्रों में रखा हजारों क्विंटल गेहूं भीगने की आशंका है। खेतों में केंद्र होने की वजह से गेहूं के बोरों में दीमक लगने की भी संभावना भी बनी रहती है।
किसानों का भुगतान अटका
गेहूं का परिवहन नहीं होने से किसानों का भुगतान भी रुका हुआ है, जिसके कारण किसानों को अपनी उपज का मूल्य पाने के लिए इंतजार करना पड़ रहा है।