script… एक अदद फ्लाईओवर को तरसता 15 लाख की आबादी वाला शहर | A city with a population of 1.5 million craving a flyover | Patrika News

… एक अदद फ्लाईओवर को तरसता 15 लाख की आबादी वाला शहर

locationजबलपुरPublished: Oct 19, 2019 07:32:53 pm

Submitted by:

shyam bihari

घोषणा के दो साल बाद भी एजेंसी का निर्धारण नहीं

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जबलपुर। कहने तो जबलपुर शहर की आबादी तकरीबन 15 लाख है। यहां मप्र हाईकोर्ट है। आधे दर्जन विश्वविद्यालय हैं। विश्वस्तरीय आयुध निर्माणियों हैं। तमाम, कॉलेज, अस्पताल हैं। शहर चारों तरफ से विस्तार ले रहा है। सबसे बड़ी समस्या है यह है कि यहां रोजाना लगने वाला ट्रैफिक महामारी का रूप ले चुका है। इसके बाद भी यहां आज तक एक फ्लाईओवर नहीं बनाया जा सका। जाम से जूझते लोग रोज शासन-प्रशासन को गाली देते हैं। जनप्रतिनिधियों को उनकी जिम्मेदारी की याद दिलाते हैं। लेकिन, जूं किसी के कान पर नहीं रेग रही। बहुत ज्यादा दबाव पडऩे पर तीन साल पहले बीच शहर एक फ्लाईओवर बनाने की घोषणा की गई। लेकिन, जिम्मेदारों की नाकामी गजब की है। विकास कार्यों के प्रति बेखयाली भी दिमाग सन्न कर देती है। हालत यह है कि घोषणा के तीन साल बाद भी फ्लाईओवर बनाने के लिए निर्माण एजेंसी नहीं तय की जा सकी। एक भी ठेकेदार यह काम करने के लिए तैयार नहीं किया जा सका। अब जाकर एक बार फिर से थोड़ी से कोशिश दिख रही है। यातायात की दृष्टि से जबलपुर शहर के सबसे महत्वपूर्ण मदन महल-दमोहनाका फ्लाई ओवर के निर्माण के लिए अब इंजीनियरिंग प्रोक्योरमेंट एंड कंस्ट्रक्शन (ईपीसी) मोड पर टेंडर बुलाए जाएंगे। फ्लाईओवर के निर्माण की दिशा में हुई प्रगति की समीक्षा बैठक में कलेक्टर भरत यादव ने यह जानकारी दी। बैठक में यूटिलिटी शिफ्टिंग से लेकर भू-अर्जन की जरूरतों पर चर्चा की गई। उन्होंने नगर निगम को निर्देश दिए कि निर्माण से प्रभावित होने वाली भूमि और भवनों का 15 दिन के भीतर सर्वे कर उन्हें खाली करने नोटिस जारी करें। निजी भूमि और मुआवजा का आंकलन करने के लिए कहा। उनका कहना था कि निर्माण वाले स्थान से बिजली एवं दूरसंचार की लाइनों, खम्बे, पेयजल आपूर्ति लाइन, सीवर लाइन जैसी जनउपयोगी सुविधाओं (यूटिलिटी) को अन्यत्र स्थानांतरित करने या भूमिगत करने पर आने वाले खर्च का आंकलन 15 दिन के भीतर लोक निर्माण विभाग को देने की हिदायत दी। यादव ने कहा कि फ्लाई ओवर के निर्माण के लिए की जा रही कार्रवाई की अब नियमित तौर पर समीक्षा की जाएगी।
780 करोड़ रुपए लागत
बताया गया कि फ्लाई ओवर के निर्माण में करीब 780 करोड़ रुपए का प्रावधान है। 594 करोड़ की राशि सिविल वर्क और भू-अर्जन के लिए करीब 25 करोड़ तथा शेष राशि यूटिलिटी शिफ्टिंग एवं अन्य कार्यों के लिए रखी गई है। बैठक में बताया गया कि विद्युत लाइनों की शिफ्टिंग के लिए 40 करोड़ का इस्टीमेट पीडब्ल्यूडी को दे दिया गया है।

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