scriptऊंट के में जीरे जैसे हैं ब्लैक फंगस के इंजेक्शन- हाईकोर्ट | A DROP IN THE OCEAN like injections of black fungus- High Court | Patrika News

ऊंट के में जीरे जैसे हैं ब्लैक फंगस के इंजेक्शन- हाईकोर्ट

locationजबलपुरPublished: May 25, 2021 11:49:09 am

Submitted by:

Hitendra Sharma

हाई कोर्ट ने कहा हर मरीजों की दुर्दशा से वाकिफ, निजी अस्पतालों में इलाज की दरें एक सप्ताह में निर्धारित करने के लिए समिति में कोर्ट मित्र को शामिल करने के निर्देश

Mp High Court Jabalpur

Mp High Court Jabalpur

भोपाल. मध्य प्रदेश में ब्लैक फंगस मरीजों की दयनीय हालत पर हाईकोर्ट ने सोमवार को तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि हम दुर्दशा से भलीभांति वाकिफ हैं । चीफ जस्टिस मोहम्मद रफ़ी और जस्टिस अतुल श्रीधरण की युगल पीठ ने कहा उपलब्ध इंजेक्शन की संख्या ऊंट में ऊंट के मुंह में जीरे के बराबर है। इस की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाए एक सप्ताह बाद इस मामले की सुनवाई होगी।

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उच्च न्यायालय कोरोना वायरस से जुड़े मामलों पर स्वत संज्ञान पर आधारित मूल्य जनहित याचिका एवं एक दर्जन से अधिक हस्तक्षेप याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई की। हाई कोर्ट ने कहा इस मामले में केंद्र और राज्य सरकार की को समय-समय पर दिशा निर्देश जारी किए जा रहे हैं । कोरोना संक्रमितों के हित में इनका पालन आवश्यक है हाई कोर्ट में सरकार की ओर से बताया गया कि प्रदेश के लिए एक करोड़ वैक्सीन ग्लोबल टेंडर से खरीदी जाएंगी सितंबर तक प्रदेश की लगभग तीन करोड़ जनता को वैक्सीन की पहली डोज लग जाएगी। जिस पर स्टेट बार कौंसिल के पूर्व सदस्य सुनील गुप्ता की ओर से अधिवक्ता सिद्धार्थ राधेलाल गुप्ता ने तर्क दिया कि ग्लोबल टेंडर को महज एक करोड़ तक सीमित ना करते हुए चरणबद्ध तरीके से 5 करोड़ तक ले जाया जाए।

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जनवरी तक होगा शत प्रतिशत वैक्सीनेशन

इससे पूर्व कोर्ट मित्र वरिष्ठ अधिवक्ता नमन नागरथ की ओर से प्रस्तुत चारों अंतिम आवेदनों पर विचार किया गया। पहला आवेदन कोरना मरीजों के इलाज के लिए अधिकतम रेड निर्धारण। दूसरा ब्लैक फंगस और तीसरा कोरोना की तृतीय लहर और चौथा वैक्सीनेशन से संबंधित था।

कोर्ट में राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता पुष्पेंद्र सिंह के जवाब पर गौर किया जिसमें निजी अस्पतालों को 40 फ़ीसदी इलाज बढ़ाने की अनुमति। केंद्र से प्राप्त ब्लैक फंगस के 6,426 इंजेक्शन तीसरी लहर को लेकर पूर्व तैयारियों के अलावा जनवरी 2022 तक संपूर्ण वैक्सीनेशन के लक्ष्य को पूर्ण करने की जानकारी दी गई। हाईकोर्ट ने कहा निजी अस्पतालों को कोरोनावायरस का रेट बढ़ाने की खुली छूट नहीं दी जा सकती है, बेहतर यही होगा कि पैकेज तय करने जैसी गलती ना करते हुए कमेटी में कोर्ट मित्र और निजी अस्पताल के प्रतिनिधियों को शामिल कर सहमति बनाई जाए।

तीसरी लहर के लिए बने एक्शन प्लान
हाईकोर्ट ने ब्लैक फंगस के इंजेक्शन को भी नाकाफी बताया कहां इतने कम इंजेक्शन से कुछ नहीं होगा और व्यवस्था करें इस तरह तीसरी लहर पर सरकार को एक्शन प्लान बनाकर पेश करने को कहा है

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