जबलपुरPublished: Jun 18, 2019 01:17:09 am
Sanjay Umrey
होली से 88 दिवस तक जबलपुर को मिला सान्निध्य का सौभाग्य
aachary vidhyasagar maharaj ka vihar
जबलपुर। होली के दिन संस्कारधानी में ससंघ प्रवेश करने वाले आचार्यश्री विद्यासागर सोमवार शाम 4 बजे दयोदय तीर्थ तिलवाराघाट से भेड़ाघाट की ओर विहार कर गए। रात विश्राम भेड़ाघाट में होने की सम्भावना है। वहां से शहपुरा, गोटेगांव, नरसिंहपुर, करेली होकर नेमावर इंदौर की ओर जाएंगे। आचार्यश्री का दयोदय में आगमन 21 मार्च को हुआ था, इस तरह कुल 88 दिन तक उन्होंने संस्कारधानी को अपने सान्निध्य का सौभाग्य दिया।
दयोदय समिति ने बताया कि आचार्यश्री चौकीताल, लम्हेटाघाट होते हुए शाम को ससंघ भेड़ाघाट पहुंचे। आचार्यश्री ने रविवार को दयोदय की धर्मसभा में ऐसे संकेत दे दिए थे, जिनसे अंदाजा लग गया था कि वे शीघ्र विहार कर जाएंगे। ऐसा ही हुआ। उन्होंने 17 जून को धर्मसभा के साथ प्रस्थान का निर्णय सुना दिया।
आटे की लोई का उदाहरण दिया
आचार्यश्री ने दयोदय में कहा कि आटे की लोई गर्म तेल या घी में डालने पर पहले डूबती ही है। डूबने के बाद उसके कण-कण में तेल या घी चला जाता है, फिर पूरी ऊपर आ जाती है। ज्यों ही वह ऊपर आ जाता है, फिर उसे स्नान कराया जाता है। उलटाया-पलटाया जाता है। काम होने पर झारी से बाहर निकालते हैं। अब सोचो दो मिनट नहीं लगा और पकवान तैयार। भाप निकालने के लिए छेद कर देते हैं, ताकि मुहं न जले। दीक्षित होने के बाद गुरु भी ऐसा ही करते हैं।
गुरु का ज्ञान भी इसी तरह से होता है शिष्य दीक्षा लेने के बाद उसी तरह नीचे ऊपर होता है जिस तरह घी या तेल में पूड़ी और उसके बाद गुरु उसके मन मस्तिष्क में ज्ञान ऊर्जा भर देते हैं और वह पकवान जैसा हो जाता है, यानी उसके गुणों में सम्यक ज्ञान, चरित्र का अर्जन हो जाता है और गुरु के ज्ञान के उपरांत प्रगति तय होती है। सम्यक दर्शन यही है।
दयोदय तीर्थ में निर्मित होने जा रहे पूर्णायु आयुर्वेद विद्यालय एवं चिकित्सा केंद्र के सत्कार्य की खुशबू चारों तरफ फैलेगी। बस अपना कत्र्तव्य करते जाओ।
किसी भी अच्छे कार्य में आलोचना भी होती है, लेकिन आलोचना से डरना या घबराना नहीं चाहिए। पूर्णायु को लेकर ऐसे ही काम किया जाए, जिससे पीडि़त मानवता की सेवा हो, वहीं भारतीय चिकित्सा पद्धति और आयुर्वेद की शिक्षा से यह संस्थान शीघ्र प्रारम्भ होकर देश में नाम करेगा।
दयोदय सूना
आचार्यश्री गुरुवर विद्यासागर के ससंघ विहार कर जाने से तिलवाराघाट स्थित गौशाला दयोदय तीर्थ अब सूना हो गया है। पिछले 88 दिन में देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु प्रतिदिन आचार्यश्री के दर्शन के लिए दयोदय पहुंच रहे थे। मौजूदा लोग सूनापन महसूस कर रहे हैं।