scriptहर मनुष्य के पास हैं चांदनी के समान गुण, उन्हें खोजने का करो प्रयास | Aachary Vidhyasagar Maharaj in Jabalpur | Patrika News

हर मनुष्य के पास हैं चांदनी के समान गुण, उन्हें खोजने का करो प्रयास

locationजबलपुरPublished: Jul 26, 2021 08:36:32 pm

Submitted by:

Sanjay Umrey

दयोदय तीर्थ तिलवारा जबलपुर में आचार्यश्री विद्यासागर महाराज ने किया सम्बोधित

दयोदय तीर्थ तिलवारा जबलपुर में आचार्यश्री विद्यासागर महाराज ने किया सम्बोधित

दयोदय तीर्थ तिलवारा जबलपुर में आचार्यश्री विद्यासागर महाराज ने किया सम्बोधित

जबलपुर। दयोदय तीर्थ तिलवाराघाट में चातुर्मास पर पधारे आचार्य गुरुवर विद्यासागर महाराज ने सोमवार को कहा कि व्यक्ति दागदार है। उसे बेदाग रहना ही चाहिए, लेकिन यह मार्ग बहुत कठिन है। जिस तरह चांदनी बेदाग है, सब चांदनी से प्रभावित होते हैं। धरती भी चांदनी से प्रभावित होती है। तब चांद का दाग नहीं देखा जाता। प्रत्येक मनुष्य के पास चांदनी समान बेदाग गुण भी है। उन्हें देखने का प्रयास करो आप को शांति मिलेगी।

आचार्यश्री ने कहा कि चांद पूरी कलाओं के साथ होता है। पशु, पक्षी, मनुष्य सब उसकी कलाओं से प्रसन्नता अनुभव करते हैं, और सोचते हैं कि किसने बनाया है यह चांद? किसने चांद को इतनी कलाएं दीं, क्यों दाग दिखता है चांद पर? युगों-युगों से यह विचार चल रहा है और युगों-युगों तक यह विचार चलता रहेगा कि चांद पर दाग क्यों है? जब ललाट पर कुछ लगता है, तभी ललाट अच्छा भी लगता है। बच्चों को तैयार कर ललाट पर दाग लगा कर पूछते हैं कैसा लग रहा है?
यह दाग अच्छे के लिए लगाया जाता है। वैसे दाग तो लगना नहीं चाहिए। बेदाग वस्तु ही अच्छी लगती है।। सूर्य में दाग है क्या? हम सूर्य को देख नहीं सकते। हम चंद्रमा की शीतलता से प्रभावित होते हैं। हम चंद्रमा को देखते हैं और दाग की बात भूल कर उसकी शीतलता का अनुभव करते हैं। जब चांद की चांदनी आपके आंगन में आती है तो आपको शीतलता प्रदान करती है। कभी अपने साथ चांद के दाग को नहीं लाती। चांद में दाग है लेकिन चांदनी में दाग नहीं। इसलिए चांद की चांदनी को देखो तो मन का संताप निकल जाता है।

आचार्यश्री को शास्त्र भेंट करने का सौभाग्य इम्फाल के प्रकाश चंद्र पुनिता जैन एवं आहार चर्या प्रकाश चंद, दीपक, राकेश, पवन चौधरी के परिवार को प्राप्त हुआ।

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