नक्षत्र – चरसंज्ञक तिर्यडमुख नक्षत्र पुनर्वसु रात्रि 10.45 तक उपरांत पुष्य नक्षत्र रहेगा। पुनर्वसु नक्षत्र मे सभी प्रकार के मांगलिक कार्य शुभ रहते है, वही इस नक्षत्र मे विवाह, गृहारंभ, गायन वादन, पशुपालन चिकित्सा, पौधारोपण, यात्रा, ब्यापार वाणिज्य जैसे कार्य अत्यंत कल्याणकारी माने जाते है। विद्यारंभ हेतु भी यह उत्तम माना जाता है।
शुभ मुहूर्त – आज विपणि ब्यापार, क्रय विक्रय पठन पाठन, खनिज संपदा, शिल्प विद्या, लेखन, वाणिज्य ब्यवसाय तथा पशुपालन जैसे कार्य अत्यंत शुभ तथा सुखद माने जाते है।
श्रेष्ठ चौघडि़ए – आज प्रात: 9.00 से 12.00 लाभ तथा अमृत दोपहर 1.30 से 3.00 शुभ तथाा रात्रि 6.00 से 9.00 शुभ तथाा अमृत की चौघडिया शुभ तथाा मंगलकारी रहेगी।
व्रतोत्सव – आज : अन्नपूर्णेश्वरी व्रतारंभ का शुभ दिवस रहेगा। माता अन्नपूर्णा की आराधना परम कल्याणकारी रहेगी।
चन्द्रमा – शाम 4.57 तक मिथुन राशि मे उपरंात कर्क राशि मे संचरण करेगा।
ग्रह राशि नक्षत्र परिवर्तन – सूर्य के तुला राशि मे गुरू धनु राशि मे तथा शनि धनु राशि के साथ सभी ग्रह यथा राशि पर स्थित है सूर्य का स्वाती नक्षत्र मे संचरण रहेगा।
दिशाशूल – आज का दिशाशूल पश्चिम दिशा मे रहता है इस दिशा की ब्यापारिक यात्रा को यथा संभव टालना हितकर है । चंद्रमा का वास पश्चिम दिशा मे है सन्मुख एवं दाहिना चंद्रमा शुभ माना जाता है । राहुकाल: शाम 4.30.00 वजे से 6.00.00 वजे तक। (शुभ कार्य के लिए वर्जित)
आज जन्म लेने वाले बच्चे – आज जन्मे वालको का नामाक्षर के,को,हा,ही अक्षर से आरंभ कर सकते है। पुनर्वसु नक्षत्र मे जन्मे वालको की राशि मिथुन होगी, राशि स्वामी बुध तथा रजतपाद पाया मे जन्म माना जायेगा मिथुन राशि के जातक प्राय: कलाप्रेमी, गीत संगीत मे रूचि रखने वाले, सुंदर, नैसर्गिक कार्यो मे रूचि रखने वाले, समाज सेवी, धनवान, उदारवादी, मिलनसार, ललित कला मे रूचि रखने वाले होते है।