scriptभस्म को और भस्म नहीं बनाया जा सकता | aavhary vidhyasagar | Patrika News

भस्म को और भस्म नहीं बनाया जा सकता

locationजबलपुरPublished: May 17, 2019 12:58:33 am

Submitted by:

Sanjay Umrey

दयोदय तीर्थ में मंगल प्रवचन में बोले आचार्यश्री विद्यासागर

aachary vidhyasagar

aachary vidhyasagar

जबलपुर। सभी पदार्थों को जब जलाया जाता है, तब पाया जाता है कि कुछ न कुछ राख बचती है। उसे भस्म भी कहते हैं, लेकिन फिर भस्म को और भस्म नहीं बना सकते।
उक्ताशय के उद्गार दयोदय तीर्थ में आचार्य विद्यासागर महाराज ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि सामान्य रूप से ऐसी अवधारणा है, लेकिन धूप के स्थान पर कपूर को जलाया जाता है तो उस स्थान पर भस्म नहीं रह जाता। ऐसे में प्रश्न उठता है कि कपूर में ऐसा क्या है कि वह भस्म नहीं बनता? ईंधन और ईंधन के जलने के बाद राख कुछ नहीं बचता। बल्कि यूं कहते हैं कि खाक हो गया। अब सवाल उठता है कि राख के बाद खाक क्या है? दरअसल, खाक में कुछ नहीं बचा। हवा में उड़ गया, लेकिन हवा में उडऩे के बाद भी कुछ न कुछ कण तो रहते हैं। जब कुछ भी न रहे, उसका नाम है कपूर का दहन। यह एकमात्र उदाहरण है। जब हम शरीर की ओर दृष्टिपात करते हैं तो पाते हैं कि जब अवसान होता है तो क्या होता है? वहां कुछ नहीं बचता, सब प्रकृति में मिल जाता है।
सद्कर्म से सार्थक करें
उन्होंने कहा कि शरीर पूरी तरह राख नहीं बनता, उसमें और कुछ भी रहता है। यह भी मानव देह की विशिष्ठता है। इसलिए इस देह को सद्कर्म में लगाकर मिटने से पहले सार्थक कर लेना चाहिए।
कषाय दूर करने चाहिए। मोक्ष के लिए प्रयासरत रहना चाहिए। भस्म, राख और खाक से ऊपर उठने का यही तरीका है।
नृसिंह मंदिर में प्रवचन, आज होगी महाआरती
संस्कारधानी में धार्मिक आयोजनों के तारतम्य में नृसिंह मंदिर में तीन दिवसीय श्रीलक्ष्मी नृसिंह महायज्ञ हो रहा है। इसके दूसरे दिन गुरुवार को प्रवचन में डॉ. श्यामदेवाचार्य ने कहा कि हिरण्यकश्यप ने तपस्या से मौत पर विजय पाई, लेकिन प्रह्लाद ने भक्ति के प्रभाव से अमरता का प्रसाद पाया। तप और भक्ति की लड़ाई में भक्त की जीत हुई। शुक्रवार को भगवान नृसिंह का प्राकट्योत्सव मनाया जाएगा। इस दौरान हवन, पूजन व महाआरती होगी। आयोजन समिति के चन्द्रकुमार भनोत, अशोक मनोध्या, डॉ. हितेश अग्रवाल, श्याम साहनी, शोभा-विजय कुमार नामदेव, उमा ठाकुर, रामजी पुजारी, रीना तिवारी, भगवानजी भाई धीरावाणी, सावित्री उपाध्याय ने उपस्थिति क ी अपील की।
भगवान की आरती के दर्शन करने से ही दूर हो जाते हैं दुख
वहीं बगलामुखी सिद्धपीठ शंकराचार्य मठ, मढ़ाताल सिविक सेंटर में बैशाख माह में पंच पर्व महोत्सव महाआरती का आयोजन गुरुवार को हुआ। इसमें मप्र शासन मठ मंदिर सलाहकार समिति के अध्यक्ष शंकराचार्य के निज सचिव ब्रम्ह सुबुद्धानंद शामिल हुए। ब्रम्ह सुबुद्धानंद ने बताया कि जो भगवान की आरती करता है, जो हमारे आराध्य हैं, मात्र आरती के दर्शन से मनुष्य के कई दुख दूर हो जाते हैं।
ब्रम्ह चैतन्यानंद के सानिध्य में आयोजित पंच पर्व महोत्सव में राजेंद्र शास्त्री, भारत सिंह यादव, मधु यादव, मनोज सेन, अन्ना यादव, बीके पटेल, अभिजीत त्रिपाठी, आशुतोष दीक्षित, महेश गुप्ता, हेमंत मिश्रा शामिल हुए।

ट्रेंडिंग वीडियो