हर वर्ग के लोग अभिजीत भट्टाचार्य के दीवाने हैं। उनके गाए गीतों को कई मौकों पर लोगों को गुनगुनाते हुए देखा जा सकता है। भेड़ाघाट में हर वर्ष होने वाले नर्मदा महोत्सव में वह संगमरमरी वादियों में अपने गीतों की सुर लहरिया बिखेरेंगे। प्रदेश शासन का संस्कृति विभाग यह आयोजन करता है। इसमें दूसरे गायक कलाकार भी जबलपुर आ रहे हैं।
यह हैं गायकों के सदाबहार गीत
सुरेश वाडेकर
– चमेली बाग में मेवा खिलाउंगा।
– मेघा रे मेघा रे….मत परदेश जा रहे रे….।
– मेरी किस्मत में तू नहीं शायद..।
– मैं हूं प्रेम रोगी….।
– हाथों की चंद लकीरों…।
– लगी आज सावन की फिर वो झड़ी है…।
– ऐ जिंदगी गले लगा ले, हमने भी…।
अभिजीत भट्टाचार्य
– बड़ी मुश्किल है खोया मेरा दिल है…।
– आंखें भी होती हैं दिल की जुवा।
– मैं कोई ऐसा गीत गाऊं ।
– जरा सा झूम लूं में अरे..।
– चांद तारे तोड़ लाऊं सारी दुनिया पर ।
– आंखों में बसे हो तुम, तुम्हे दिल में छुपा लूंगा।
– कभी यादों में आऊं।
शहर में देखने मिलेगी 21 राज्यों की संस्कृति
केन्द्र सरकार का संस्कृति मंत्रालय 14 और 15 अक्टूबर को शहीद स्मारक गोल बाजार में राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव का आयोजन कर रहा है। यह जानकारी केन्द्रीय पर्यटन एवं संस्कृति राज्यमंत्री प्रहलाद पटेल ने पत्रकारवार्ता में दी। उन्होंने बताया कि यह महोत्सव जबलपुर को नया मुकाम देगा। कई राज्यों की संस्कृति के दर्शन होंगे। साथ ही वर्षों पुरानी गोंडवाना संस्कृति से सभी को अवगत कराएंगे। कार्यक्रम में गायक सुरेश वाडेकर जैसे अन्य प्रख्यात कलाकार आएंगे। उनके अलावा अलग-अलग जगह हो रहे महोत्सव में प्रख्यात कलाकार विश्वमोहन भट्ट, रोनू मजूमदार, प्रीति पटेल, मालिनी अवस्थी और अनुराधा पौडवाल अपनी प्रस्तुति देंगी। केन्द्रीय राज्यमंत्री ने बताया कि इनमें हस्तशिल्प, भोजन, चित्रकारी, मूर्तिकला, प्रदर्शन कला, लोक जनजातीय आदि शामिल हैं। अभी तक 9 राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव हो चुके हैं। इनमें दो दिल्ली, दो कर्नाटक और एक-एक गुजरात, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, उत्तराखंड एवं उत्तरपूर्वी राज्य में आयोजित हुए हैं। उन्होंनें जानकारी दी कि जबलपुर के अलावा 16 से 17 अक्टूबर तक सागर एवं 20 से 21 अक्टूबर तक रीवा में यह आयोजन होगा। इन महोत्सव में 21 राज्यों की कला संस्कृति सम्मिलित की जा रही हैं।