महत्वपूर्ण फै सला
न्यायालय ने महत्वपूर्ण फै सला सुनाया था। जिसमें स्पष्ट किया गया है कि मास्टर प्लान का अक्षरश: पालन करना होगा। चार सप्ताह में पहाड़ी से अतिक्रमण हटाया जाना है। हालांकि इसे लेकर नगर निगम प्रशासन की अब तक कुछ खास तैयारी नजर नहीं आ रही है।
न्यायालय ने महत्वपूर्ण फै सला सुनाया था। जिसमें स्पष्ट किया गया है कि मास्टर प्लान का अक्षरश: पालन करना होगा। चार सप्ताह में पहाड़ी से अतिक्रमण हटाया जाना है। हालांकि इसे लेकर नगर निगम प्रशासन की अब तक कुछ खास तैयारी नजर नहीं आ रही है।
फैक्ट फाइल 306 हेक्टेयर जमीन है मदनमहल पहाड़ी की
0.065 हेक्टेयर भूखंड पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित
116.482 हेक्टेयर वन विभाग द्वारा संरक्षित
शेष जमीन राजस्व विभाग की, जिसमें कब्जेधारी हैं व कुछ जमीन निजी स्वामित्व की है
2100 के लगभग कब्जे हैं पहाड़ी में
0.065 हेक्टेयर भूखंड पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित
116.482 हेक्टेयर वन विभाग द्वारा संरक्षित
शेष जमीन राजस्व विभाग की, जिसमें कब्जेधारी हैं व कुछ जमीन निजी स्वामित्व की है
2100 के लगभग कब्जे हैं पहाड़ी में
पट्टेधारी
07 बदनपुर में 100 से 300 मीटर के दायरे में
06 पुरवा में 300 मीटर के बाहर
31 गढ़ा में 300 मीटर के बाहर
17 निर्माण कार्य 10 से लेकर 100 वर्ष तक पुराने हैं मास्टर प्लान के महत्वपूर्ण प्रावधान
मदनमहल किला संरक्षित स्मारक
पहाड़ी का मद परिवर्तन न किया जाए
ग्रीन बेल्ट को हर हाल में सुरक्षित रखा जाए
07 बदनपुर में 100 से 300 मीटर के दायरे में
06 पुरवा में 300 मीटर के बाहर
31 गढ़ा में 300 मीटर के बाहर
17 निर्माण कार्य 10 से लेकर 100 वर्ष तक पुराने हैं मास्टर प्लान के महत्वपूर्ण प्रावधान
मदनमहल किला संरक्षित स्मारक
पहाड़ी का मद परिवर्तन न किया जाए
ग्रीन बेल्ट को हर हाल में सुरक्षित रखा जाए
संयुक्त टीम की सर्वे रिपोर्ट
प्रथम भाग- केन्द्रीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के अंतर्गत संरक्षित मदनमहल किला व उससे संरक्षित भूमि खसरा नं 192 में 0.065 हेक्टेयर भूखंड है। संरक्षित स्मारक में 100 मीटर की परिधि में कोई कब्जा नहीं है।
द्वितीय भाग- 116.482 हेक्टर जमीन वन विभाग द्वारा संरक्षित वन घोषित है। इस जमीन में किसी भी प्रकार का अतिक्रमण नहीं है।
तृतीय भाग- ये भूखंड राजस्व विभाग के नाम पर दर्ज है। कुछ भूखंड निजी स्वामित्व का है। इस भूखंड में निजी स्वामित्व को छोड़कर राजस्व के अन्य हिस्से पर अतिक्रमण है।
प्रथम भाग- केन्द्रीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के अंतर्गत संरक्षित मदनमहल किला व उससे संरक्षित भूमि खसरा नं 192 में 0.065 हेक्टेयर भूखंड है। संरक्षित स्मारक में 100 मीटर की परिधि में कोई कब्जा नहीं है।
द्वितीय भाग- 116.482 हेक्टर जमीन वन विभाग द्वारा संरक्षित वन घोषित है। इस जमीन में किसी भी प्रकार का अतिक्रमण नहीं है।
तृतीय भाग- ये भूखंड राजस्व विभाग के नाम पर दर्ज है। कुछ भूखंड निजी स्वामित्व का है। इस भूखंड में निजी स्वामित्व को छोड़कर राजस्व के अन्य हिस्से पर अतिक्रमण है।
नगर निगम, टीएनसीपी, पुरातत्व विभाग, वन विभाग व राजस्व विभाग सभी की संयुक्त बैठक बुलाकर मदनमहल पहाड़ी को कब्जा मुक्त कराने व काबिजों के पुनर्वास के लिए की गई तैयारियों की समीक्षा की जाएगी। जिससे कि आगे की कार्रवाई की जा सके।
छवि भारद्वाज, कलेक्टर
छवि भारद्वाज, कलेक्टर