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पांच माह बाद किसानों के खाते में आई राशि, पांच दिन बाद होल्ड कर दिए खाते

locationजबलपुरPublished: Jun 03, 2020 12:27:05 am

Submitted by:

praveen chaturvedi

मध्यप्रदेश राज्य सहकारी विपणन संघ ने लगाई रोक : खरीफ सीजन 2019 : 20 में समर्थन मूल्य पर बेची थी धान

complaint from SDM

Account hold, farmers are wandering for money

सिहोरा। खरीफ सीजन में समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी के पांच माह बाद किसानों के खाते में उपज की राशि तो आ गई, लेकिन पांच दिन बाद ही मध्यप्रदेश राज्य सहकारी विपणन संघ ने खातों को होल्ड कर दिया। इससे वे न तो पैसे जमा कर पा रहे हैं न ही निकाल पा रहे हैं। मझौली तहसील के पीडित किसान होल्ड किए गए खातों को चालू कराने की मांग को लेकर भारतीय किसान यूनियन के जिला अध्यक्ष रमेश पटेल के साथ सिहोरा एसडीएम चंद्रप्रताप गोहिल के पास पहुंचे।

गुरुजी गांव के किसान कान्हा राय ने एसडीएम को बताया कि उन्होंने 18 दिसम्बर 2019 को 148 क्विंटल धान दर्शनी ओपन कैप में बेचा था। पांच महीने बाद उनके खाते में 2,68,620 रुपए जमा किए गए। उनकी छोटी बहन के पैर में फै्रक्चर है। उसके इलाज के लिए वे पैसा निकालने बैंक गए तो बताया गया कि उनका खाता होल्ड किया गया है। सिहोरा और मझौली तहसील के पोंड़ा, तलाड़, लखनपुरए सहजपुरा, घाट सिमरिया, बेला, कछपुरा, बुढागर समितियों के करीब 700 किसानों के खाते होल्ड किए गए हैं।

इनके खाते भी होल्ड
जानकारी के अनुसार बैहर खुर्द गांव के किसानों रामदुलारे के खाते में 54 क्विंटल धान के 1,08,010, तुलसा बाई ठाकुर के 60 क्विंटल धान के 1,60,900, आलोक सिंह के 34 क्विंटल धान के 65 हजार, भगवान ठाकुर के खाते में 165 क्विंटल 20 किलो धान के 2,99,858 रुपए, भोला यादव के खाते में 40 क्विंटल 50 किलो धान के 72 हजार, दर्शनी निवासी दीपक राय के खाते में 216 क्विंटल 80 किलो धान के 3,93,412 रुपए जमा हुए थे। सभी किसानों के खाते होल्ड कि एगए हैं।

कलेक्टर, जिला उपार्जन समिति को जारी किए थे आदेश
मध्यप्रदेश राज्य सहकारी विपणन संघ के प्रबंध संचालक ने 10 मई 2020 को कलेक्टर और जिला उपार्जन समिति को आदेश जारी किए थे। इसमें कहा गया था कि जबलपुर जिले के 1613 किसानों के बैंक खातों में तकनीकी कारणों से धान उपार्जन की देय राशि के विरुद्ध हुए भुगतान 24 करोड़ दो लाख 54 हजार 228 संबंधित किसानों के बैंक खातों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई जाए।

करीब 32 करोड़ रुपए का धान रिजेक्शन में था। सम्बंधित समितियों को धान को अपग्रेड करने के लिए कहा गया था। समितियों ने धान को अपग्रेड किए बिना ही इसे ऑनलाइन सिस्टम में भुगतान के लिए डाल दिया था। सिस्टम ने भुगतान को स्वीकार कर लिया और किसानों के खाते में भुगतान चला गया। शासन के संज्ञान में मामला आया तो खातों में जमा राशि कके भुगतान पर रोक लगा दी गई।
एमएच खान, जिला आपूर्ति अधिकारी, जबलपुर

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