जबलपुर

MP मेडिकल यूनिवर्सिटी में गड़बड़झाला पर बोले सूबे के चिकित्सा शिक्षा मंत्री, एक भी दोषी नहीं बचेगा

-MP मेडिकल यूनिवर्सिटी मामले की होगी पूरी जांच-जो भी गड़बड़ पाया जाएगा उसके खिलाफ होगी सख्त कार्रवाई-कोरोना की तीसरी लहर से बचाने को रिसर्च, डेवलपमेंट और केस स्टडी पर जोर

जबलपुरJul 19, 2021 / 11:13 am

Ajay Chaturvedi

चिकित्सा शिक्षा मंत्री विस्वास सारंग

जबलपुर. मध्य प्रदेश (MP) मेडिकल यूनिवर्सिटी में गड़बड़झाला करने वाला एक भी दोषी नहीं बचेगा। जांच पूरी होगी और जो भी इस गड़बड़झाले में संलिप्त पाया गया उसके विरुद्ध सख्त कार्रवाई होगी। ये कहना है प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री विश्वास सारंग का।
दरअसल वो रविवार को जबलपुर में थे और इस दौरान कोरोना की तीसरी लहर को रोकने और बच्चों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के दृढ संकल्प के साथ मेडिकल कॉलेज पहुंचे। सारंग ने मेडिकल कॉलेज का चप्पा-चप्पा छान मारा। वहां कार्यरत प्राध्यापकों और प्रशासनिक सेवा में लगे अधिकारियों को चेताया भी और सलाह भी दी। इसी दौरान अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता भी मेडिकल कॉलेज पहुंच गए। वो मेडिकल यूनिविर्सटी में गड़बड़ियों के लिए कुलपति डॉक्टर टीएन दुबे को जिम्मेदार ठहराते हुए उन्हें हटाने की मांग पर अड़े थे। इस पर मंत्री सारंग ने कहा कि-मैनें ही नोटशीट लिखकर एमयू में जांच करवाई। अब दोषी बख्शे नहीं जाएंगे। सारंग ने कहा कि हम निष्पक्ष जांच और कार्रवाई के लिए प्रतिबद्ध हैं। जांच पूरी करेंगे और जो-जो भी अनियमितताओं मेंशामिल पाया जाएगा उसे हटना होगा।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज में कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए की जा रही तैयारियों की समीक्षा की। अधिकारियेां को स्पष्ट किया कि कोरोना की पहली और दूसरी लहर में बनाए गए एचडीयू-आइसीयू बेड कम ना हो। बच्चों के लिए अलग से अतिरिक्त एचडीयू-आइसीयू बनाएं। सामान्य बिस्तर को बच्चों के उपचार के लिए ऑक्सीजन बेड में बदलने का कार्य करें। मेडिकल में सर्वसुविधायुक्त पीडियाट्रिक आइसीयू के निर्माण कर वहां बच्चों के परिजनों के ठहरने का समुचित प्रबंध करने का भी निर्देश दिया।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री सारंग ने कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग के हर कर्मचारी को प्रशिक्षित करने के साथ ही कोरोना पर अध्ययन व रिसर्च पर जोर देने की सलाह दी। इसके तहत उन्होंने चिकित्सकों संग नर्सिंग स्टॉफ को भी तीसरी लहर के मद्देनजर प्रशिक्षण देने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि कोरोना और ब्लैक फंगस सहित अन्य बीमारियों और उनके निदान को लेकर शोध एवं केस स्टडी पर ध्यान देने की जरूरत है। ऐसे में विभागाध्यक्षों को रिसर्च, डेवलपमेंट और केस स्टडी पर ध्यान देने की जरूरत है।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री विस्वास सारंग
उन्होंने वेंटीलेटर, पीडियाट्रिक वेंटिलेटर, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर एवं मानव संसाधन की उपलब्धता की जानकारी ली। नॉन ऑक्सीजन बेड को भी ऑक्सीजन बेड में परिवर्तित करने का सुझाव दिया। उन्होंने मरीजों से बातचीत कर फीडबैक लिया। साथ ही म्यूकर माइकोसिस ब्लैक फंगस के मरीजों के उपचार की व्यवस्थाओं तथा दवाओं की उपलब्धता की जानकारी हासिल की।
सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के निरीक्षण के दौरान वह लिफ्ट से टॉप फ्लोर तक गए। उसके बाद सीढियों से पैदल उतरते हुए हॉस्पिटल की व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया। थर्ड फ्लोर में गंदगी मिलने पर ठेका कंपनी यूडीएस और हाइट्स के प्रतिनिधियों को फटकार लगाई। ठेका कंपनी के भुगतान रोकने के निर्देश दिए। सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के अधीक्षक जितेंद्र गुप्ता की भी खिंचाई की। डीन डॉ प्रदीप कसार ने कोरोना की संभावित तीसरी लहर से निपटने की जा रही तैयारियों पर पावर पाइंट प्रजेंटेशन दिया।
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