दूर से करें दर्शन, साधना में न हो बाधा
आचार्यश्री के संघ के ब्रह्मचारी सुनील भैया ने बताया कि बुधवार को गोटेगांव से चलकर शाम को गुरुवर का संघ चरगुवां पहुंचा। रात्रि विश्राम के बाद गुरुवार को आचार्यश्री ससंघ वहां से जबलपुर की ओर रवाना होंगे। करीब 6 किमी चलने के बाद संघ की आहारचर्या होगी। आचार्यश्री के कदम जबलपुर जिले की सीमा में पड़ चुके हैं।
जैन समाज की एक महत्वपूर्ण बैठक में निर्णय लिया गया कि आचार्यश्री के जबलपुर आगमन पर समस्त समाज को अनुशासित रहकर गुरुवर का दर्शन लाभ लेना होगा। आचार्य विद्यासागरजी का पावन वर्षायोग चातुर्मास हेतु मंगल प्रवेश संस्कारधानी जबलपुर की पावनधरा के पूर्णायु दयोदय तीर्थ तिलवाराघाट पर होने जा रहा है। बैठक में सदस्यों ने कहा कि हम सभी का अब यह दायित्व है कि हमारे कारण किसी भी प्रकार से पूज्य आचार्य की तप साधना में कोई भी बाधा न आए। हम व्यवस्थित अनुशासित और संकल्पित हों कि ये आचार्यश्री का 54वां चातुर्मास सिर्फ आचार्यश्री का नहीं, बल्कि ये चातुर्मास पूरे जबलपुर के सकल जैन समाज का चातुर्मास हो।
सावधानी रखना होगा
जैन नवयुवक सभा, जबलपुर की ओर से आग्रह किया गया कि पूज्य आचार्यश्री की अगवानी के समय मास्क अवश्य लगाएं एवं भीड़ न होने दें। जब आचार्यश्री का आगमन हो तो रोड के साइड में खड़े होकर ही दर्शन करें। आचार्यश्री के चरण छूने का प्रयास बिल्कुल न करें।
पुरुष सफेद, महिलाएं पहनेंगी केशरिया वस्त्र
अपील की गई कि अगवानी में पुरुष वर्ग सफेद वस्त्र व महिला वर्ग केशरिया वस्त्रों में रहें। आचार्यश्री के साथ चलने का प्रयास न करें, चलते समय आपस में दूरी बनाकर चलें।