आपके अंतरंग में अपना रंग छोडऩे आया हूं
पिसनहारी मढि़या तीर्थ में गुरुवार को आचार्यश्री ने मंगल प्रवचन में कहा- ‘आप लोग होली खेल सकते हैं तो हम क्यों नहीं। यह अलग बात है कि अपका रंग अलग और हमारा रंग अलग है। हम आपके अंतरंग तक अपना रंग छोडऩा चाहते हैं। भगवान के रंग में रंगने को हर कोई आतुर है। इसलिए सोचा मौका चूको नहीं, इसलिए सुबह ६.३० बजे ही चल दिए।’ आचार्यश्री ने आगे कहा, पिसनहारी मढि़या तीर्थ अब छोटी-सी जगह हो गई है। अब दयोदय तीर्थ की ओर बढऩा है, जहां सहस्त्रकूट जिनालय निर्माणाधीन है। विश्व ने स्वीकारा है कि भारत में कुछ है। विश्व में जो नहीं है, वह भारत में विद्यमान है। आचरण का रंग जब व्यक्ति के अंतरंग पर पड़ता है तो वह क्षणिक रंग से अधिक प्रभावशाली होता है।
वित्तमंत्री भनोत ने किया पाद प्रच्छालन
इस दौरान आनंद सिंघई, राकेश चौधरी, सुरेंद्र जैन पहलवान, गीतेश जैन, गौरव जैन, नितिन बेंटिया, शुभम जैन आदि उपस्थित थे। धर्मसभा का संचालन अमित पड़रिया ने किया। पिसनहारी मढि़या तीर्थ में वित्तमंत्री तरुण भनोत ने आचार्यश्री का पाद प्रच्छालन किया। नगर कांग्रेस के प्रभारी अध्यक्ष जगतबहादुर सिंह अन्नू ने भी आशीर्वाद प्राप्त किया।
श्री वर्णी गुरुकुल परिसर स्थित तीर्थंकर मुनि सुव्रतनाथ जिनालय में गुरुवार दोपहर आचार्यश्री ने पूजन किया। हाल ही में हुए इस जिनालय के पंचकल्याणक गजरथ महोत्सव के बाद आचार्यश्री का प्रथम आगमन हुआ। गुरुदेव के सान्निध्य में श्रावकों ने शांतिधारा अभिषेक किया। आचार्यश्री ने पहाड़ी पर स्थित तीर्थंकर भगवान पाश्र्वनाथ के जिनालय में दर्शन-पूजन किया।