जबलपुर, हजारों लोगों की भीड़ के बीच यहां ट्रेन में घुसकर बैखौफ युवतियों पर एसिड फेंका जाता है। एक नहीं दो दो एेसी संगीन वारदातें होती हैं, जैसे की महज छोटा सा अपराध हो, इतना ही नहीं चलती ट्रेन में डकैत सवार भी हो जाते हैं और हथियारों की नोंक पर पूरी की पूरी बोगी लूट डालते हैं। चोरी और जेबकटी तो यहां गिनती में ही नहीं आती। आखिर क्यों, कहां हैं यह जगह, जहां इतनी संगीन वारदातें भी इतने आम तरीके से हो रही हैं और क्या है इनके पीछे का कारण…पढि़ए आगे
कटनी रेलवे स्टेशन पर एक आरोपित टे्रन में सवार हुआ, सीट पर बैठी एक महिला पर एसिड फेंंका, वहां और भी लोग थे, महिला गंभीर रूप से झुलस गई, तो कई और जख्मी हो गए। आरोपित भाग भी निकला, आखिर क्यों
क्योंकि वहां सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालने वाली शासकीय रेल पुलिस का एक भी जवान मौजूद नहीं था, चूंकि आरोपित के पास एसिड से भरी बोतल थी, इसलिए किसी आमजन ने उसे पकडऩे की हिम्मत नहीं जुटाई, एेसा ही नरसिंहपुर रेलवे स्टेशन पर भी हुआ। यहां भी जीआरपी नहीं थी, आखिर क्या करती है जीआरपी और क्यों होती हैं वारदातें।
इन रूटों पर ज्यादा वारदात
जबलपुर व मानिकपुर के बीच- चोरी और लूट की वारदातें यहां आम हैं। आए दिन यात्रियों के बैग और सामान चोरी होने के मामले सामने आते हैं।
जबलपुर व कटनी के बीच- कटनी रेलवे स्टेशन पर अक्सर आऊटर पर यात्रियों को पत्थर मारा जाता है। यह पत्थरबाजी अक्सर चलती टे्रन से यात्री का बैग या मोबाइल गिराने के लिए होती है।
जबलपुर व रायपुर के बीच- यहां चलती ट्रेन में जहरखुरानी के साथ ही मोबाइल और पर्स चोरी की वारदातें आम हैं, कई स्टेशन एेसे हैं, जो सूनसान रहते हैं।
जबलपुर व इटारसी के बीच:– यहां हथियारबंद आरोपित ट्रेन में घुसकर लूटपाट और चोरी की वारदातों को बैखौफ अंजाम देते हैं और आऊटर पर उतरकर भाग निकलते हैं।
इन वारदातों ने पूरी की पूरी ट्रेन और प्लेटफार्म की सुरक्षा पर सवाल खड़ा कर दिया है। हर मोर्चे पर तैनात रहने का दावा करने वाली जीआरपी इस बार फेल होती नजर आ रही है, यही कारण है कि ट्रेनों में जहां संगीन वारदाते हो रही हैं, वहीं अन्य वारदातों का ग्राफ भी लगातार बढ़ रहा है। पिछले एक साल में लूट, चोरी और डकैती के कई एेसे मामले जीआरपी में दर्ज किए गए, जो आज भी जांच में हैं और उनके आरोपित खुलेआम घूम रहे हैं।
जबलपुर में जीआरपी बल
टीआई:- 01
एसआई:- 04
एएसआई:-10
हवलदार:- 16
सिपाही:- 58
जिले 22, एसपी एक
जानकारी के अनुसार जबलपुर जीआरपी एसपी के पास प्रदेश के 22 जिलो के जीआरपी थाने और चौकियों की जिम्मेदारी है। प्रदेश में जबलपुर जीआरपी का पद ही एकमात्र एेसा पद है, जहां इतनी संख्या में जिले हैं, वहीं बाकी दो अन्य एसपी के पास 15-15जिलों की जिम्मेदारी है।
ट्रेनों में पेट्रोलिंग:- 06
बल तैनात होता है:-04
इसलिए भी बच जाते हैं आरोपी
जानकारों की माने तो पर्स और मोबाइल चोरी होने की वारदातों की एफआइआर लिखने से जीआरपी परहेज करती है। सादे कागज पर शिकायत लेकर मामले को
केस:- 01
वारदात:- नॉनस्टॉप दानापुर एक्सप्रेस में हथियारबंद घुसे। आरोपितों ने एसी कोच में हथियारों की नोंक पर जमकर लूटपाट की। जीआरपी और पुलिस को इसकी जानकारी लग पाती, इसके पूर्व आरोपित भाग निकले।
केस:- 02
वारदात:- मानिकपुर के पास ट्रेन से एक जज का बैग चोरी कर लिया गया। जज भी एसी कोच में ही यात्रा कर रहे थे। जीआरपी ने एफआईआर तो दर्ज की, लेकिन चोर अब तक नहीं मिल सका।
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