कामकाज पर असर
महाधिवक्ता राजेन्द्र तिवारी ने पत्रिका से विशेष चर्चा में बताया कि मुख्यपीठ जबलपुर स्थित महाधिवक्ता कार्यालय में शासकीय व उपशासकीय अधिवक्ताओं के लिए बैठने व काम करने के लिए जगह पर्याप्त नहीं है। उन्होंने कहा कि किसी मामले की सुनवाई में केवल जिरह नहीं, बल्कि उसकी पूर्व तैयारी भी अहम मायने रखती है। इसके लिए क ार्यालय काफी छोटा है। इंजीनियर्स वर्तमान महाधिवक्ता कार्यालय की इमारत में कोई नवनिर्माण या तोडफ़ोड़ करने के पक्षधर नहीं हैं। तिवारी ने बताया कि नई जिला अदालत की इमारत के समीप इसके लिए जगह है, लेकिन यह भी पर्याप्त नहीं है। लिहाजा वे इस संबंध में सरकार व अधिकारियों से चर्चा कर रहे हैं कि जल्द ही कार्यालय के भवन का पर्याप्त विस्तार किया जा सके।
व्यापमं की समाप्ति पर अभी चर्चा नहीं
महाधिवक्ता तिवारी ने बताया कि कांग्रेस द्वारा चुनाव पूर्व जारी वचनपत्र में घोषित प्रशासनिक आयोग के गठन, व्यापमं को समाप्त करने, जिलों व तहसीलों की सीमाओं के पुनर्निधारण के संबंध में अभी तक उनसे मुख्यमंत्री या सरकार के प्रतिनिधि ने कोई चर्चा नहीं की है। व्यापमं घोटाले से संबंधित हाईकोर्ट में लंबित मामलों के संबंध में महाधिवक्ता ने कहा कि जहां भी व्यापमं और सरकार के हितों के टकराव की स्थिति बनेगी, वे सरकार के पक्ष में ही खड़े होंगे।
सरकारी वकीलों को मिलें कम्प्यूटर
उन्होंने बताया कि महाधिवक्ता नियुक्त होने के बाद से अब तक वे कार्यालय के विधि अधिकारियों की नियुक्ति में लगे हैं। 31 जनवरी तक शासकीय व उप शासकीय अधिवक्ताओं को नियुक्त कर लिया गया। तिवारी ने कहा कि उनके कार्यालय के सभी विधि अधिकारी सूचना प्रौद्योगिकी का बेहतर उपयोग कर रहे हैं। लेकिन इन्हें कम्प्यूटर नहीं दिए गए। तिवारी ने कहा कि वे इसके लिए सरकार व संबंधित अधिकारियों से चर्चा करेंगे।