जबलपुरPublished: Feb 18, 2020 12:27:19 am
shivmangal singh
आरक्षकों पर जमानतदार सहित अधिवक्ताओं की व्यवस्था करने का है आरोप
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जबलपुर. बेलखेड़ा थाना क्षेत्र स्थित सुनाचर गांव से कल्चुरीकालीन चौसर मुद्रा वाली शिव-पार्वती की दुर्लभ प्रतिमा चुराने के मामले में गिरफ्तार यूपी के गिरोह के गुर्गों की जमानत कराने में थाने के दो आरक्षकों की भूमिका सामने आई है। आरक्षकों ने जमानतदार सहित अधिवक्ताओं की व्यवस्था करने का जिम्मा लिया था। इसके लिए उन्हें 40 हजार रुपए मिले थे। इसकी शिकायत के बाद अधिकारियों ने आरक्षकों को थाने से हटा दिया है। एसपी ने मामले की जांच के निर्देश दिए हैं।
जानकारी के अनुसार बेलखेड़ा थाने के आरक्षक ज्ञानप्रकाश पांडे और अवधेश के खिलाफ अन्य कई शिकायतें भी थीं। पुलिस सूत्रों के मुताबिक दोनों आरक्षकों ने मूर्ति चोरी में गिरफ्तार यूपी महोबा निवासी इशहाक और एटा निवासी संतोष यादव की जमानत कराने का जिम्मा लिया था। इसकी सूचना थाना प्रभारी को मिली तो उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों को जानकारी दी। इसके बाद दोनों आरक्षकों को हटा दिया गया। बता दें कि आरक्षक ज्ञानप्रकाश रायबरेली यूपी का रहने वाला है।
ये है मामला
बेलखेड़ा के सुनाचर गांव से 11 दिसम्बर 2019 को शिव-पार्वती की प्रतिमा चोरी हुई थी। मामले में पुलिस ने महोबा निवासी इशहाक और एटा निवासी संतोष यादव को पिछले दिनों गिरफ्तार किया था। गिरोह में शामिल चित्रकूट कर्बी निवासी विजय शुक्ला, महोबा निवासी इरफान, अलीगढ़ निवासी विक्रम उर्फ विक्की सिंह यादव, प्रताप यादव और एक अन्य स्थानीय की तलाश की जा रही है। यूपी के एक पूर्व विधायक ने आरोपियों से 20 लाख रुपए में मूर्ति खरीदकर अंतरराष्ट्रीय मूर्ति तस्करों को बेच दिया है। नेपाल के रास्ते मूर्ति को विदेश ले जाने की बात सामने आई है। मामले में सुनाचर गांव के ग्रामीणों ने पुलिस को 21 फरवरी तक का अल्टीमेटम दिया है।