यह अपील सरकार ने भोपाल की निचली अदालत से मोनिका को बरी किए जाने के खिलाफ दायर की है। प्रकरण के अनुसार फर्जी पासपोर्ट काण्ड को लेकर भोपाल के कोहेफिजा थाने में मोनिका बेदी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। मोनिका पर आरोप था कि उसने खुद को अबु सलेम की पत्नी बताते हुए फौजिया उस्मान के नाम से फर्जी पासपोर्ट बनवाया । 2006 में भोपाल की निचली अदालत ने मोनिका बेदी को बरी कर दिया। सेशन कोर्ट से भी सरकार की अपील 16 जुलाई 2007 को खारिज हो गई। इसके खिलाफ राज्य सरकार ने यह पुनरीक्षण याचिका दायर की । 2007 में ही एक अन्य याचिका इसी संबंध में दायर की गई। मप्र हाईकोर्ट ने भी 2008 में स्वत: संज्ञान लेकर एक पुनरीक्षण याचिका दायर की। मोनिका बेदी की नया पासपोर्ट जारी करने की मांग पर 2019 के आरंभ में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में हाईकोर्ट को जल्द विचारण के निर्देश दिए। गुरुवार को कोर्ट ने राज्य सरकार का पक्ष सुना, जिसमें मोनिका के खिलाफ आरोपों को सही बताया गया। बेदी की ओर से अधिवक्ता अर्जुन सिंह व ईशान सोनी उपस्थित हुए।