79 वार्ड, 26 एमपीडब्ल्यू कर्मचारी
नगर निगम के 79 वार्डों में मलेरिया विभाग के 26 एमपीडब्ल्यू कर्मचारी हैं। जुलाई में बारिश शुरू होते ही 28 से 32 डिग्री सेल्सियस तापमान और 70-80 प्रतिशत आद्र्रता मिलते ही मच्छरों के लार्वा पनपने लगते हैं। एडीज एजेप्टाई मच्छरों के लार्वा घरों में अंधेरे में रखे साफ पानी या आसपास के छांव वाले स्थान पर पैदा होते हैं। हर घर के लोगों तक जागरुकता की मुहिम पहुंचाकर बीमारी पर नियंत्रण करना एक बड़ी चुनौती है। स्वास्थ्य विभाग ने नगर निगम के साथ संयुक्त टीम का गठन किया है। नगर निगम ने कर्मचारियों को सर्वे करने के निर्देश भी दिए हैं। लेकिन, यह कार्य धरातल पर नजर नहीं आ रहा है। नगर निगम का कार्य, स्वच्छता, फॉगिंग और कीटनाशकों का छिडक़ाव करना है, जबकि, मलेरिया विभाग सर्वे के दौरान लोगों को जागरूक करने के साथ लार्वा का भी विनष्टीकरण करता है।
डेंगू से प्र्रभावित शहर के क्षेत्र
शहर में डेंगू से प्रभावित क्षेत्र गढ़ा, अधारताल, गोहलपुर, घमापुर, सिविल लाइन, मदन महल, गढ़ा पुरवा, ग्वारीघाट, नालबंद मोहल्ला और ग्वारीघाट हैं।
ये कार्य करने की चुनौती
– छांव के नीचे वाले जलस्रोतों की सफाई, दवा का छिडक़ाव
– प्रभावित क्षेत्र में सभी घरों के लोगों को जागरूक करना
– कबाड़ और मिट्टी के बर्तन बनाने वालों को जागरूक करना
– मोहल्ला समितियों को सक्रिय करके अभियान से जोडऩा
ऐसे करें बचाव
– सप्ताह में एक बार पानी की टंकी धूप में सुखाएं
– छत या घर के आसपास अनुपयोगी सामग्री में पानी न जमा होने दें
– पानी के बर्तन या टंकियों को ढककर रखना चाहिए।
– सप्ताह में एक बार कूलर का पानी साफ कर पानी भरें
– आसपास के गड्ढों में मिट्टी भर दें
– मच्छरदानी का प्रयोग करे, नीम की पत्ती की धुआं करें
– छत पर खराब टॉयर या टूटे हुए बर्तन, सामान न रखें
जारी है सर्वे
जिला मलेरिया अिधकारी डॉ. नीता मिश्रा ने बताया, डेंगू चिकनगुनिया से बचाव के लिए सर्वे कार्य शुरू किया गया है। जागरुकता से ही इस बीमारी को कम किया जा सकता है। नगर निगम की टीम भी सर्वे कर रही है। अन्य विभागों को भी जागरुकता की मुहिम में जोड़ा जा रहा है।