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कृषि वैज्ञानिकों ने दी सलाह, बोवनी नहीं वेरायटी पर करें फोकस, 20 दिन में पककर तैयार हो जाएगी फसल

locationजबलपुरPublished: Dec 03, 2019 06:00:23 pm

Submitted by:

abhishek dixit

मैनेजमेंट के साथ कम अवधि की फसल लगाएं

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जबलपुर. महाकोशल क्षेत्र गेहूं की फसल के लिए जाना जाता है। इस बार बारिश देर तक होने के कारण गेहूं की बुवाई प्रभावित हुई है। यह करीब एक माह पिछड़ गई है। मौसम को देखते हुए किसान भी परेशान हैं। गेहूं की बुवाई नवंबर में हो जानी थी, लेकिन सितम्बर-अक्टूबर तक पानी गिरने के चलते कई किसान अब तक नहीं कर सके हैं। कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि किसानों को घबराने की आवश्यकता नहीं है। यदि सुनियोजित तरीके से मैनेजमेंट के साथ किसान ध्यान दें तो गेहूं की फसल में निश्चित अवधि में ही भरपूर पैदावार ली जा सकती है। मिट्टी में नमी की कमी आदि को लेकर कोई भी रासायनिक अव्यव सीधे न मिलाकर पहले स्वाइल टेस्टिंग कराने की सलाह दी है।

120 दिन में पककर तैयार हो जाएगी फसल
कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि जिन किसानों ने बुवाई कर ली है उन्हें मैनेजमेंट की दिशा में ध्यान देना होगा। यूरिया, खाद, सिंचाई आदि की तरफ किसान ध्यान दें। यदि पर्याप्त पानी दिया जाता है तो फसल 120 दिन में पककर तैयार हो जाएगी।

बोवनी नहीं वहां वेरायटी पर करें फोकस
जहां अब तक बोवनी हुई है, ऐसे किसानों को सलाह दी गई है कि वे ऐसी वेरायटी का चयन करें। जो कम समय में जल्दी तैयार हो जाए। कई वेरायटी ऐसी हैं जो दिसंबर में भी बुवाई करने पर 100 दिन में तैयार कर हो जाती हैं।

मौसम में परिवर्तन के चलते बुवाई प्रभावित हुई है, लेकिन किसानों को घबराने की आवश्यकता नहीं है। बुवाई के बाद फसल मैनेजमेंट पर ध्यान देने की आवश्यकता है। दिसंबर में बुवाई के लिए कम समय में पकने वाली किस्मों का प्रयोग किसान करें।
डॉ. आरके शुक्ला, कृषि वैज्ञानिक

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