scriptआईसीएआर से मान्यता के आधार पर ही कृषि छात्रों को मिलेगी नौकरी | Agricultural students will get jobs on the basis of ICAR recognition | Patrika News

आईसीएआर से मान्यता के आधार पर ही कृषि छात्रों को मिलेगी नौकरी

locationजबलपुरPublished: Aug 12, 2019 01:38:49 am

Submitted by:

praveen chaturvedi

कृषि शिक्षा को बेहतर बनाने और अच्छे छात्रों के चयन के लिए अब आईसीएआर से एक्रीडिटेशन वाले विश्वविद्यालय एवं कॉलेजों के छात्र ही नौकरी के लिए आवेदन कर सकेंगे। इस निर्णय से कृषि क्षेत्र की गुणवत्ता बढ़ेगी तो वहीं अच्छे छात्र सामने आएंगे।

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जबलपुर। कृषि शिक्षा को बेहतर बनाने और अच्छे छात्रों के चयन के लिए अब आईसीएआर से एक्रीडिटेशन वाले विश्वविद्यालय एवं कॉलेजों के छात्र ही नौकरी के लिए आवेदन कर सकेंगे। इस निर्णय से कृषि क्षेत्र की गुणवत्ता बढ़ेगी तो वहीं अच्छे छात्र सामने आएंगे। हाल ही में आंध्र प्रदेश, गोवा राजस्थान राज्यों में एग्रीकल्चर से संबंधित निकली वैकेंसी में स्पष्ट कर दिया गया है कि आईसीएआर से एक्रीडिटेशन प्राप्त कॉलेज या यूनिवर्सिटी से बीएससी या एमएससी करने वाले छात्र ही आवेदन करेंगे। यह निर्णय प्रदेश के जवाहर लाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय एवं ग्वालियर विश्वविद्यालय के लिए एक तरह से फायदेमंद होगा। इन दोनों विश्वविद्यालयों से हर साल करीब 500 ग्रेज्यूट एवं 250 पोस्ट ग्रेज्युट छात्र पास होकर निकलते हैं।

फील्ड की जानकारी नहीं
एग्रीकल्चर के छात्रों को 6 माह की इंट्रेशसिप कराई जाती है। यह इंट्रेसशिप खेतों, गांव में जाकर छात्रों को दी जाती है। इसके लिए आईसीएआर फंडिग करता है। जबकि निजी महाविद्यालयों अथवा विश्वविद्यालयों के पास यह सुविधाएं नहीं है। कई मामलों में खुलासा हुआ है कि उन्हें फील्ड के डिग्री प्रदान की जा रही है।

छात्रों ने किया था आंदोलन
इस बात को लेकर हाल ही में कृषि विश्वविद्यालय के छात्रों द्वारा लगातार आंदोलन किया जा रहा था। उनका तर्क था कि वे पीएटी के माध्यम से काम्पीटेटिव एग्जाम के माध्यम से प्रवेश लेते हैं, जबकि निजी विश्वविद्यालयों द्वारा सीधे प्रवेश दिया जा रहा है।

बड़ी संख्या में खुले प्राइवेट विवि
प्रदेश में बड़ी संख्या में हाल ही में निजी विश्वविद्यालय एवं कॉलेज खुल गए हैं। इनकी संख्या करीब 24 के आसपास है। जबकि इन विश्वविद्यालयों अथवा कॉलेजों ने आईसीएआर से एक्रीडिटेशन नहीं कराया है। ऐसे में इन कॅालेजों से पढकऱ निकलने वाले एग्रीकल्चर के छात्रों के लिए संकट खड़ा हो गया है।

बढ़ेगी गुणवत्ता
इस सम्बंध में जवाहर लाल नेहरू कृषि विवि के कुलपति डॉ. पीके बिसेन का कहना है कि तीन राज्यों में लिए गए इस निणर्य से कृषि विश्वविद्यालय में कोई फर्क नहीं पड़ेगा बल्कि गुणवत्ता में वृद्धि होगी। निजी महाविद्यालयों, विश्वविद्यालयों द्वारा एक्रीडिटेशन नहीं कराया गया है उनके लिए जरूर संकट खड़ा होगा।

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