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गजब है… हिन्दी का पर्चा, अंग्रेजी में दिया जवाब फिर भी हो गए पास

locationजबलपुरPublished: Apr 20, 2018 07:02:54 pm

Submitted by:

deepankar roy

बोर्ड परीक्षाओं की उत्तर पुस्तिकाओं की जांच से जुड़ा मामला

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जबलपुर। मप्र माध्यमिक शिक्षा मंडल की बोर्ड परीक्षा में एक छात्र ने हिन्दी के पर्चे में अंग्रेजी में जवाब लिखें। लेकिन मूल्यांकनकर्ता ने उसे पूरे नंबर दिए। वह परीक्षा में पास हो गया। चौंकाने वाला यह मामला शहर में चल रही बोर्ड परीक्षाओं की उत्तर पुस्तिकाओं की जांच के दौरान सामने आया। मूल्यांकन केंद्र पर एक शिक्षक हिन्दी विषय की उत्तर पुस्तिकाओं की जांच कर रहा था। प्रश्र पत्र में एक सवाल के उत्तर में छात्र को हिन्दी भाषा में दोस्त को पत्र लिखना था। छात्र ने हिन्दी भाषा में पत्र तो लिखा लेकिन उसमें कइ शब्द अंग्रेजी के भी जोड़ दिए। छात्र की वर्तनीगत अशुद्धियां थी। इसके साथ ही छात्र ने अंग्रेजी भाषा के शब्दों के प्रयोग को लेकर अपनी विवशता पर एक टीप भी उत्तर पुस्तिका में लिखा। इस टीप को पढ़कर संभवत: मूल्यांकनकर्ता का भी दिल पसीज गया और छात्र उस विषय में पास हो गया।

इस टिप पर नरम पड़ा दिल
उत्तर पुस्तिका में इस छात्र ने ऐसी टीप लिखी कि उसने शिक्षक को सोचने पर मजबूर कर दिया। छात्र ने अपनी वर्तनीगत अशुद्धियों के बचाव में बड़ी विनम्र भाषा में टीप को प्रमुखता के साथ लिखा। छात्र टीप में लिखा कि वह हिंदी भाषी नहीं है। शिलांग का रहने वाला है। उसकी हिंदी कमजोर है इसलिए उसने कुछ शब्दों को अंग्रेजी में लिखा है। छात्र की इस टीप पर शिक्षक ने भी कुछ नरमी बरती। हालांकि छात्र भी पास हो गया।

पिताजी का भोपाल हुआ ट्रांसफर
बताया जाता है छात्र बारहवीं कक्षा का था। पहले उसने सीबीएसई बोर्ड से परीक्षा दी। पिताजी का शिलांग से भोपाल तबादला हो जाने के कारण वह भोपाल आ गया। सीबएसई बोर्ड से एमपी बोर्ड में परीक्षा दी जिसके कारण उसे इस तरह की परेशानी उठानी पड़ी।

भगवान के नाम का भी सहारा
बोर्ड परीक्षा की कापियों में भगवान के नामों का भी सहारा लिया गया है। मूल्यांकन केंद्र में चल रही कापियों की जांच में कई कापियों में प्रश्नों की शुरुआत और अंत में भगवान के नामों को छात्रों द्वारा लिया गया। सर्वाधिक नाम सरस्वती, मां दुर्गा, बजरंगीवली से जुड़े हैं। शायद इस मंशा से कि परीक्षा में वे पास हो जाएं। जांच के दौरान कई कापियों में इस तरह की कापियां सामने आई हैं।

सवा तीन लाख कापियों की जांच
जिले में दसवीं एवं बारहवीं की करीब 3.25 लाख कापियों को जांच के लिए भेजा गया था। करीब 35 हजार कापियों की जांच अभी शेष है। हालांकि पूर्व में भेजी गई कापियों में से करीब 21 हजार कापियां ही शेष बची है वहीं दूसरी और अन्य जिलों से भी माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा कापियां अतिरिक्त भेज दी गई हैं। ये कापियां उन जिलों की हैं जहां मूल्यांकन देरी से चल रहा है।

अधिकारी बोले
मूल्यांकन केंद्र प्रभारी प्रभा मिश्रा के अनुसार कई बार छात्र उत्तरकापी में इस तरह की बाते लिख देते हैं जिससे शिक्षक दबाव में आ जाएं। शिक्षकों को बोला गया है कि वे खुद अपने विवेक और सही गलत के आधार पर कापियों की जांच कर नंबर दें।

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