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Ayodhya verdict:शहर में पहली बार दिखा एके-47, ड्रोन कैमरे, अरबी घोड़ों पर तैनात दल का दम

locationजबलपुरPublished: Nov 12, 2019 01:28:14 pm

Submitted by:

santosh singh

Ayodhya verdict:आपातस्थिति से निपटने की थी मुक्कमल तैयारी, एक महीने का राशन भी कर लिया था स्टोर
 

police jwan

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जबलपुर. अयोध्या मसले पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद शहर में शांति कायम रही। इसके लिए पुलिस और प्रशासन ने हर विपरीत परिस्थितियों से निपटने की मुकम्मल तैयारी की थी। पुलिस ने बल के लिए जरूरी महीने भर का राशन और अन्य जरूरी सामग्री जहां स्टोर कर ली थी, वहीं सुरक्षा में इस बार राइट कंट्रोल वीकल से लेकर एलएमजी व एके-47 जैसे अत्याधुनिक असलहों को लाइन के मालखाने से निकाल कर जवानों के हाथों तक पहुंचा दिया गया था। ड्रोन कैमरे, पोर्टेबल पीएम सिस्टम, टीयर गैस गन, 800 अश्रु गोले, 15 अश्वारोही दल मुहैया कराया गया था। गिरफ्तारी के लिए आठ बसें तक लगाई गई थी।

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IMAGE CREDIT: patrika

500 शस्त्र बल रहे तैनात
शहर में 500 के लगभग शस्त्र बल तैनात किए गए। दो हजार के लगभग जवानों को जाली, बॉडी प्रोटेक्टर, हेलमेट, डंडा, एल्बो, सिन गार्ड से लैस किया गया। शहर के आठों सीएसपी को एक-एक एलएमजी, सीएसपी से लेकर एसपी के साथ चलने वाले बल को एक-एक एके-47 रायफल उपलब्ध कराए गए। मछली मार्केट और बहारोबाग क्षेत्र में दो ड्रोन कैमरे से नजर रखी गई। हनुमानताल, गोहलपुर व ओमती क्षेत्र में 15 अश्व दल तैनात किए गए। सीएसपी से लेकर एसपी स्तर के अधिकारियों के 25 वाहनों में पोर्टेबल पीए सिस्टम लगाए गए।

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IMAGE CREDIT: patrika

नौ राइट कंट्रोल वीकल
शहर के नौ थाना क्षेत्रों में एक-एक राइट कंट्रोल वीकल मौजूद है। ये वाहन 360 डिग्री पर घूमने वाले कैमरे सहित दूर तक टीयर गैस फेंकने की सुविधा से लैस हैं। आठों सीएसपी को गिरफ्तारी के लिए एक-एक बस उपलब्ध करायी गई थी।
न्यूज फैक्ट-
कुल बल-2500
सशस्त्र बल-500
लिपिकीय बल-100
जाली, बॉडी प्रोटक्टर, हेलमेट, डंडा, एल्बो, सिन गार्ड-2000-2000
एके-47-25
एलएमजी-08
टीयर गन-32
अश्रु गैस के गोले-800
पुलिस अश्व दल-15
ड्रोन-02
फोटो व वीडियो कैमरा-50
बॉडी वॉन कैमरा-25
पीए सिस्टम गाड़ी-08
पोर्टेबल पीए सिस्टम-25
पेट्रोलिंग मोबाइल-100
राइट कंट्रोल वीकल-09
गिरफ्तारी बसें-08
हैवी ड्यूटी-100
बैरियर-28

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IMAGE CREDIT: patrika

शहर को सील करने 28 बैरियर लगाए गए
किसी भी विपरीत हालात से निपटने के लिए शहर को सील करने की भी तैयारी थी। इसके लिए शहर के 28 छोटे-बड़े इंट्री प्वाइंट पर बैरियर नाका बनाया गया था। शहर सील होने पर किसी को भी प्रवेश और बाहर जाने की अनुमति नहीं मिलती।
ये भी तैयारी-
रिजर्व कंट्रोल रूम बल-100
रिजर्व बल-मछली मार्केट, छोटी ओमती, मिलौनीगंज व केंट में-20-20 का
28 अस्थाई पुलिस चौकी के लिए टेंट, पीए सिस्टम, सीसीटीवी कैमरे
पेट्रोलिंग के लिए-पीए सिस्टम से लैस 100 निजी वाहन
साइबर मॉनीटरिंग के लिए-12 लोगों की टीम

अश्वारोही दल
IMAGE CREDIT: patrika

शहर में हुए पुराने दंगों की समीक्षा की
शहर में 84 के दंगे से लेकर रामजन्मभूमि आंदोलन, विवादित ढांचा ढहाने और बाद में हुए विवाद के दौरान प्रभावित क्षेत्र, चिन्हित हुए लोगों सहित मौजूदा धार्मिक संगठनों और उनकी गतिविधियों की बारीकी से समीक्षा की। शांति समितियों की बैठक कर उनके सुझाव और सम्भावित खतरों की जानकारी ली। लोकल इंटेलीजेंसी को सक्रिय किया।
शहर को तीन श्रेणी में बांटा-
-बहुलतावादी आबादी
-मिश्रित आबादी
-अल्प मिश्रित आबादी
बल की तैनाती का माइक्रो प्लान
अधिकारियों की पूरे जिले पर नजर थी, लेकिन संवेदनशील क्षेत्र में बहुलवादी आबादी, अति संवेदनशील क्षेत्र में मिश्रित आबादी को रखा गया। इसी अनुसार बल की तैनाती भी की गई। पुलिस ने केंट, गोराबाजार, ओमती, हनुमानताल, घमापुर, गोहलपुर, कोतवाली, लार्डगंज, गोहलपुर, अधारताल, बेलबाग पर सबसे अधिक फोकस रखा। एसपी, डीआईजी व आईजी कार्यालय में पदस्थ 100 लिपिकीय कर्मियों को भी सुरक्षा में उतारा गया था। वहीं लाइन में पदस्थ सभी कर्मियों की ड्यूटी लगाई गई थी।

 

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