सुख-समृद्धि की प्राप्ति
शास्त्र के अनुसार इस दिन घर में सुख-समृद्धि की प्राप्ति के लिए एक छोटा से काम जरूर करना चाहिए। ज्योतिषाचार्य पंडित दीपक दीक्षित के अनुसार घर में जल से भरे कलश में सुगंधित द्रव्य डालकर उस पर ऋतुफल रखें तथा भगवान विष्णु सहित सभी देवताओं का आह्वान कर विधिवत पूजा-अर्चना करें। इसके बाद इसे किसी तपस्वी ब्राह्मण को दान करें। ऐसा करने से पितरों की तृप्ति तथा प्रसन्नता से सभी काम पूरे होते हैं। इस दिन अशुभकारक ग्रहों के मंत्र का जाप करने से भी वे अनुकूल होते हैं।
दान का सबसे ज्यादा महत्व
अक्षय तृतीया पर दान का सबसे ज्यादा महत्व है। ज्योतिषाचार्य पंडित जनार्दन शुक्ला के अनुसार अक्षय तृतीया के दिन सूर्य व चंद्रमा अपनी उच्च राशि में होते हैं। नवग्रहों में ये दोनों ही महत्वपूर्ण ग्रह हैं। सूर्य नवग्रहों में राजा हैं जबकि चंद्रमा रानी हैं। चंद्रमा जहां मन के स्वामी होते हैं और समस्त परिणामों को प्रत्यक्ष रूप से शीघ्रता से प्रभावित करते हैं, वहीं सूर्य नक्षत्र मंडल के स्वामी व केंद्र हैं। विशेष बात यह भी है कि ये दोनों ही प्रत्यक्ष देव भी हैं। अक्षय तृतीया के दिन नवग्रहों की वस्तुओं का दान कर उन्हें प्रसन्न किया जा सकता है।
सूर्य- गेहूं का सत्तू, लाल चंदन, गुड़, लाल वस्त्र, ताम्रपात्र तथा फल-फूल का दान मंदिर में दें।
चंद्रमा- चावल, घी, चीनी, मोती, शंख, कपूर का दान करें।
मंगल- जौ का सत्तू, गेहूं, मसूर, घी, गुड़, शहद, मूंगा आदि का दान करें।
बुध- हरा वस्त्र, मूंग दाल, हरे फल तथा सब्जी का दान करें।
गुरु- केले के पेड़ में हल्दी मिश्रित जल चढ़ाकर घी का दीपक जलाएं। केला, आम, पपीता का दान करें।
शुक्र- सुहागिनों को वस्त्र एवं शृंगार सामग्री देकर सम्मानित करें। सत्तू, ककड़ी, खरबूजा, दूध, दही, मिश्री का दान करें।
शनि-राहु – एक नारियल को मोती में लपेटकर सात बादाम के साथ दक्षिणमुखी हनुमान मंदिर में चढ़ाएं।
केतु – सप्त धान्य, पंखे, खड़ाऊ, छाता, लहसुनिया और नमक का दान करें।