खाद्य सुरक्षा अधिकारी अमरीश दुबे के अनुसार कटंगी बायपास के समीप ग्राम औरिया में प्रोपाइटर कमल खरे की पीके पनीर वाला के नाम से फैक्ट्री है। इस फैक्ट्री में पनीर बनाया जाता था। टीम ने बुधवार को यहां छापा मारा तो बड़ी मात्रा में केमिकल से तैयार किया गया सिंथेटिक पनीर बरामद हुआ। फैक्ट्री में चारों तरफ गंदगी थी। बर्तनों में मक्खियां व कीड़े भिनभिना रहे थे। कर्मचारी भी सफाई के मापदंड का पालन नहीं कर रहे थे। पनीर फैक्ट्री मालिक के द्वारा मिल्क पाउडर, पॉम आइल, गिल्सरोल फ्लैक्स को मिलाकर तैयार किया जा रहा था। फैक्ट्री से बड़ी मात्रा में पनीर निर्माण के लिए प्रयुक्त हो रहा कैमिकल भी बरामद हुआ। कैमिकल का उपयोग पनीर को गाढ़ा करके जमाने में किया जाता था।
खाने योग्य नहीं
एफएसओ दुबे के अनुसार पनीर पूरी तरह केमिकल से तैयार किया जा रहा था, जो खाने योग्य नहीं है। प्रारंभिक जांच में ही इसे अखाद्य की श्रेणी में रखा गया।
डेढ़ माह पहले लिया था लाइसेंस
जानकारी के अनुसार कमल खरे ने डेढ़ माह पहले ही पीके पनीर वाला के नाम से लाइसेंस लिया था। इसके बाद 180 रुपए किलो के हिसाब से पनीर बेच रहा था। सस्ता होने के कारण खपत ज्यादा थी। जबलपुर सहित आसपास के जिलों में भी इसकी सप्लाई थी। जांच के बाद फैक्ट्री सील कर लाइसेंस सस्पेंड कर दिया गया। टीम ने मौके से पांच सौ किलो पनीर का स्टॉक पाया। गंदगी के बीच मिले इस स्टॉक नष्ट कराया गया।
होटलों, केटरर्स को भी होती थी सप्लाई
जानकारी के अनुसार केमिकल युक्त पनीर शहर के कई होटलों सहित केटर्स को सप्लाई किया जा रहा है। इस सम्बंध में केटर्स से पूछताछ की जाएगी। अभी टीम ने पनीर के नमूने लेकर जांच के लिए भेजे गए हैं।