जबलपुर

vehicle tax frauds इस कंपनी ने 2018 में बनाई लग्जरी कार, डीलर ने 2017 में बेच दी, जानिए कैसे

ग्राहकों से कार की पूरी कीमत वसूल कर परिवहन विभाग में कार की कम कीमत दर्शाकर शासन को परिवहन कर के तौर पर लाखों की चपत लगा चुके अंधमूक बायपास स्थित सागर ऑटोटेक के संचालकों के कारनामे सामने आ रहे हैं।

जबलपुरJul 23, 2019 / 11:05 am

Lalit kostha

SKODA

जबलपुर. ग्राहकों से कार की पूरी कीमत वसूल कर परिवहन विभाग में कार की कम कीमत दर्शाकर शासन को परिवहन कर के तौर पर लाखों की चपत लगा चुके अंधमूक बायपास स्थित सागर ऑटोटेक के संचालकों के कारनामे सामने आ रहे हैं। संचालक ने कई ग्राहकों को 2017 में कार बेची, लेकिन छह महीने बाद कराए गए रजिस्टे्रशन में कार की मैन्युफैक्चरिंग डेट 2018 दर्शा दी। परिवहन विभाग पर भी मिलीभगत करके राजस्व को चपत लगाने का संदेह है।

सागर ऑटोटेक संचालक का खेल
टैक्स चोरी में परिवहन विभाग की भी मिलीभगत

कार-शो-रूम के संचालक के फर्जीवाड़े की जांच से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक 2017 से अब तक संचालक प्रतीक जैन ने कुल 158 लग्जरी वाहन बेचे हैं। इसमें से महज 105 का ही रजिस्ट्रेशन मिला है। अब तक इओडब्ल्यू 50 वाहनों की जांच करा चुका है। इसमें 40 में ग्राहक व परिवहन विभाग को अलग-अलग बिक्री इनवॉइस देकर 1.50 करोड़ का फर्जीवाड़ा सामने आया।


प्रतीक जैन और मीनल जैन के संयुक्त पार्टनरशिप में संचालित सागर ऑटोटेक प्रा. लि. द्वारा वाहनों की बिक्री और परिवहन विभाग में कराए गए रजिस्ट्रेशन टैक्स के अलावा मैन्युफैक्चरिंग डेट को लेकर भी फर्जीवाड़े की बात सामने आयी है। इसकी जांच करायी जा रही है।
देवेश सिंह राजपूत, एसपी, इओडब्ल्यू

ये मामले आए सामने
– नेपियर टाउन निवासी राकेश चौधरी ने नवम्बर 2017 में 12 लाख रुपए की कार खरीदी थी। रजिस्ट्रेशन 22 दिसम्बर 2018 को हुआ। इसमें वाहन की मैन्युफैक्चरिंग डेट 2018 दर्शाई है।

– सर्जन डॉ. हरिकृष्ण दामड़े ने तीन दिसम्बर 2017 को 10.82 लाख रुपए में कार खरीदी। रजिस्ट्रेशन 24 मई 2018 को हुआ। मैन्युफैक्चरिंग डेट जनवरी 2018 दर्शाया है। परिवहन विभाग को इनवॉइस 8.75 लाख की भेजी थी।
– राकेश स्थापक ने नवम्बर 2017 में कार खरीदी, लेकिन आज तक उनके वाहन का रजिस्ट्रेशन नहीं कराया। एजेंसी से वाहन निकलने के 21 दिन के अंदर रजिस्ट्रेशन का नियम है।

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.