शाह ने तकरीबन तीन घंटे तक पार्टी के कुल 21 नेताओं के साथ चुनाव को लेकर मंथन किया। इसमें राष्ट्रीय संगठन महामंत्री रामलाल, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और प्रदेश प्रभारी डॉ. विनय सहस्त्रबुद्धे, राष्ट्रीय महासचिव अनिल जैन और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह, मंत्री माया सिंह, मंत्री राजेन्द्र शुक्ल, दमोह सांसद प्रहलाद पटेल, केन्द्रीय मंत्री थावरचंद गेहलोत, मंत्री लाल सिंह आर्य, पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय सहित प्रदेश चुनाव प्रबंधन समिति के सभी सदस्य शामिल थे।
साउंड पू्रफ कमरे में बैठक
बैठक का आयोजन कड़ी सुरक्षा के बीच साउंड प्रूफ कमरे किया गया था। इसमें स्थानीय मंत्री, विधायक और पार्टी संगठन के पदाधिकारियों को भी दूर रखा गया। दो सत्रों में चली बैठक अपराह्न ४ बजे समाप्त हुई।
नर्मदा की पूजा के बाद पहुंचे बैठक में
जबलपुर पहुंचने पर अमित शाह का विमानतल पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने स्वागत किया। शाह ने भेड़ाघाट के धुआंधार पर मां नर्मदा की पूजा की। बैठक के बाद शाह ने सोशल मीडिया की टीम को भी संबोधित किया। शाह ने डुमना एयरपोर्ट और धुआंधार में नर्मदा पूजन की तस्वीरें ट्वीट कर दौरे को संगठनात्मक प्रवास बताया।
हारी हुई सीटों पर करो फोकस
सूत्रों के मुताबिक शाह ने बैठक में कहा कि कमजोर सीटें मुझे भी पता हैं और आपको भी। यहां उसकी लिस्ट लेकर बात करना जरूरी नहीं। हमें वही कमजोर सीटें जीतने की स्थिति में लानी है। कांग्रेस के कद्दावर सांसद-विधायक, जो लगातार जीत रहे हैं, उन्हें इस बार हराने की रणनीति बनानी है। उन्होंने बैठक में यह तक कहा कि न कमलनाथ का माल बिकेगा- ना सिंधिया का, सिर्फ भाजपा का माल बिकेगा।
जस्टिस नावलेकर और जस्टिस धर्माधिकारी से मिले
शाह ने सम्पर्क फर समर्थन अभियान के तहत पूर्व लोकायुक्त जस्टिस पीपी नावलेकर के निवास पर पहुंचकर समर्थन मांगा। वे सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश व मानवाधिकार आयोग के पूर्व अध्यक्ष जस्टिस डीएम धर्माधिकारी से मिलने उनके निवास पहुंचे। इसके बाद डुमना एयरपोर्ट से विशेष विमान में दिल्ली के लिए रवाना हुए।