वैदिक मंत्रों और शंखनाद से हुई शुरुआत
अमृतं जलम् अभियान का शुभारंभ महाआरती संयोजक ओंकार दुबे व साथियों द्वारा शंखनाद के साथ किया गया। इस बीच पं. जनार्दन शुक्ला व वैदिक ब्राम्हणों द्वारा मंत्रोच्चारण कर लोगों को जल की महत्ता बताई गई। वहीं नर्मदा प्रकल्प के प्रदेश संयोजक डॉ. जितेन्द्र जामदार द्वारा नर्मदाष्टकम् की प्रस्तुति से लोगों में उत्साह का संचार दोगुना हो गया।
भविष्य के लिए सहेज रहे बूंदें
राज्यमंत्री शरद जैन, महापौर स्वाति गोडबोले ने अपने वक्तव्य में कहा कि पत्रिका के इस अभियान से कई तालाबों को संरक्षित किया जा सका है। साथ ही लोगों को भी तालाबों की महत्ता का आभास हुआ है। यह अभियान भविष्य के लिए बूंदों को सहेजने का काम कर रहा है। इसमें शामिल प्रत्येक श्रमदानी जल संरक्षण के लिए चिंतित है।
नाटक से बताई पानी की कीमत
नाट्य लोक संस्था के द्वारा जल संरक्षण पर नुक्कड़ नाटक किया गया। कलाकारों ने पानी की एक एक बूंद की कीमत बताते हुए ऐसा मंचन किया कि लोगों को यह जीवंत घटना लगी। मौजूद लोगों ने जल संरक्षण का संकल्प किया। वहीं गायत्री परिवार ने तालाबों का वैदिक महत्व बताया।
बताई महत्ता, किया आभार व्यक्त
पत्रिका के स्थानीय संपादक गोविंद ठाकरे, यूनिट हैड अजय शर्मा ने कार्यक्रम के शुभारंभ अवसर पर इस अभियान की महत्ता पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि पत्रिका समाजिक मुद्दों के साथ लोगों को जोडऩे का काम करती है। तालाबों का संरक्षण भी इसी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसके माध्यम से पत्रिका परिवार हर साल हजारों लोगों को पानी बचाने का संकल्प याद दिलाता है। ताकि भविष्य में आने वाली परेशानियों से लोग अभी चेत जाएं। सिटी चीफ मनीष गर्ग द्वारा श्रमदान करने पधारे लोगों का आभार व्यक्त किया गया।
सोशल मीडिया से जुड़े
लोगों ने सोशल मीडिया फे सबुक, वाट्सएप, टेलीग्राम पर आयोजन का संदेश पढ़कर स्वयं शामिल होने की इच्छा प्रकट की। इतना ही नहीं स्वयं आकर श्रमदान करने की बात कही। ताकि, आने वाले कल के लिए जल को सुरक्षित बनाया जा सके। स्कूल, कॉलेजों के शिक्षक व छात्र-छात्राओं ने अभियान से जुड़े और निरंतर श्रमदान करने की इच्छा जताई। सभी भोर होते ही इमरती तालाब किनारे जुटने लगे। सबने मिलकर हाथ बंटाया और तालाब को स्वच्छ बनाने के महायज्ञ में श्रम की आहुति दी। संकीर्तन मंडल ने भजन-कीर्तन करते हुए श्रमदान किया। तो पुरोहितजनों ने शंखनाद कर शहरवासियों को जलस्रोतों के संरक्षण के लिए जागृत किया।
उत्सव सा माहौल
इमरती ताल में शुरू होने जा रहे स्वच्छता अभियान को लेकर क्षेत्रीयजनों में जबर्दस्त उत्साह है। उनका कहना है कि तालाब साफ सुथरा होने पर फिर से वे जल का उपयोग प्राचीन मंदिर पंडा मढि़या में पूजन-अर्चन के लिए कर सकेंगे।
बनेगा रमणीय स्थल
गढ़ा-शाहीनाका मार्ग पर स्थित इमरती ताल साफ-सुथरा होने पर रमणीय स्थल बनेगा। तालाब का बड़ा किनारा मुख्य मार्ग के किनारे स्थित है। जबकि, तीन ओर रिहायशी क्षेत्र है।
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ये रहे मौजूद
राज्यमंत्री शरद जैन, महापौर स्वाति गोडबोले, अध्यक्ष सुमित्रा बाल्मिक, विधायक नीलेश अवस्थी, पार्षद केवल कृष्ण आहूजा, एमआईसी सदस्य कमलेश अग्रवाल, डॉ, जितेन्द्र जामदार, एसके मुद्दीन, वेटरनरी यूनिवर्सिटी कुलपति आरएस शर्मा, नर्मदा प्रकल्प के जिला संयोजक शिव नारायण पटेल, अंजू भार्गव, भागवती भारद्वाज, नगर निगम अधिकारी जीएस चंदेल, शंकरदयाल शर्मा, एड. सत्येन्द्र ज्योतिषी, एनएसएस के सेवक, एल्गिन की नर्सिग छात्राएं, तृतीय वर्ग कर्मचारी संगठन, वन कर्मचारी संघ, मोहल्ला समितियों के सदस्य, आस्था ब्राम्हण महासंघ, विप्रकुल मंच, संपूर्ण ब्राम्हण मंच, सारथी किसान संघ की सीमा पचौरी, श्रीराम मानस महिला मंडल, सुखदुख परिवार, सेवा दल, जल संरक्षण मंच के संजय वर्मा, विनोद दुबे, संस्कार भारती, कोष्टा समाज, अखिल भारतीय ***** सेवा दल, आजाद अध्यापक संघ, प्रजापति समाज, भाजयुमो, ब्राम्हण सेवक संघ, भारतीय जनसेव पार्टी आदि संस्थाओं के लोग शामिल हुए।