सर्वेक्षण का मुख्य क्षेत्र मैन्युफैक्चरिंग और मैन्युफैक्चरिंग सर्विस हैं। इसमें जबलपुर की 150 इकाइयों को शामिल किया गया है। रीवा की 135 और सागर की 80 इकाइयों में सर्वेक्षण का काम हो रहा है। इन इकाइयों की सूची डीएसआई इंदौर उपलब्ध कराता है। फिर उसकी आधार पर सर्वेक्षण होता है। 31 मई तक यह इकाइयां स्वयं ही क्षेत्रीय कार्यालय से मांगी गई जानकारी रिटर्न में जमा करेंगे। अंतिम तिथि निकलने पर विभागीय रिटर्न जमा हाे सकेगी। यानि विभाग के अधिकारी अपने कार्यालय के माध्यम से इसे भर सकेंगे। फिर अंतिम प्रक्रिया में सारे आंकडे़ सरकार को भेजे जाएंगे।
कई प्रकार की जुटाते हैं जानकारी
इस सर्वेक्षण के माध्यम से क्षेत्र विशेष की वृदि्ध दर क्या है, रोजगार की िस्थति कैसी है, यह घटा या बढ़ा है। कर्मचारियों की प्रतिदिन की औसत मजदूरी कितनी ह। प्रादेशिक स्तर पर विकास में उस उद्योग का कितना योगदान होता है। इसी प्रकार इकाई की बैलेंस सीट, लाभ और हानि आदि की जानकारी जुटाई जाती है। जबलपुर क्षेत्रीय कार्यालय के अंतर्गत लगभग 365 इकाइयों का चयन किया गया है। इन इकाइयों के संचालकों को एएसआई रिटर्न के माध्यम से सभी तथ्य देने पड़ते हैं।
फैक्ट फाइल - क्षेत्रीय कार्यालय के अंतर्गत आते हैं 16 जिले।
- सर्वेक्षण के लिए 365 इकाइयों का हुआ चयन। - जबलपुर की 150 इकाइयों में हो रहा सर्वेक्षण।
- रीवा 135 और सागर की 80 इकाइयां शामिल।
- 31 मई तक जमा करना है एएसआई रिटर्न। देश की जीडीपी में मैन्युफैक्चरिंग और मैन्युफैक्चरिंग सर्विस क्षेत्र के योगदान के लिए वार्षिक उद्योग सर्वेक्षण किया जा रहा है। जबलपुर क्षेत्रीय कार्यालय के अंतर्गत करीब 365 इकाइयां सर्वेक्षण का हिस्सा होंगी।
केशरी सिंह मरकाम, सहायक निदेशक, क्षेत्रीय कार्यालय, राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यान्वयन मंत्रालय