विद्युत अमले का रेस्पॉन्स सिस्टम फेल
बिजली गुल हुई तो घंटों करना पड़ता है इंतजार, गर्मी में उपभोक्ता हलाकान
बिजली कंपनी में सुधार कार्य आउटसोर्स कर्मियों के कंधों पर चल रहा है। शहर में करीब 350 आउट सोर्स कर्मचारियों को रखा गया हैं। लेकिन न तो ये ट्रेंड हैं न ही आवश्यक संसाधनों से युक्त हैं। ठेका कंपनी में 12 वीं पास कर्मचारियों को लाइनों पर चढ़ाकर काम कराया जा रहा है। जिसके चलते फाल्ट ढूंढने और ठीक करने में समय लगने के साथ ही दुर्घटनाओं का भी अंदेशा बना रहता है।
पहले से मेंटेनेस नहीं
जानकारों के अनुसार बिजली कंपनी द्वारा पहले से मैंटेनेंस नहीं किया जाता है। जब बारिश, गर्मी आती है तभी बिजली महकमें की नींद खुलती है और सुधारकार्य कराया जाता है। यही हाल ट्रंासफार्मरों का है जो सालों से बदले नहीं जाने कारण तकनीकी खराबी का खामियाजा उपभोक्ताओं को झेलना पड़ता है।
केस एक
शांति नगर क्षेत्र में लो वोल्टेज के कारण घरो में बिजली की समस्या से उपभोक्ता जूझते रहे। विभाग को सूचित किया। सुधार कार्य करने में करीब 2 घंटे लग गए।
केस दो
गढ़ा स्थित शिकायत केंद्र में उपभोक्ता अमित सोधिया ने फोन लगाया लेकिन नंबर उठा ही नहीं। परेशान होकर दफ़तर जाना पड़ा और डेढ़ घंटे परेशान रहे।
केस तीन
बाबा बफार्नी में बिजली की लाइन को जोड़ा जाना था। लाइनमेन को आने और जोडऩे में करीब 3 घंटे का समय लगा तब तक उपभोक्ता परेशान रहा।