जबलपुरPublished: Feb 25, 2020 06:38:23 pm
prashant gadgil
मप्र आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय में नई व्यवस्था लागू
exam
जबलपुर. मप्र आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय में स्नातकोत्तर परीक्षाओं में उत्तर पुस्तिकाओं के पुनर्मूल्यांकन की व्यवस्था पूरी तरह समाप्त कर दी गई है। विवि की ओर से मुख्य परीक्षा का घोषित परिणाम ही अंतिम होगा। इस परिणाम के आधार पर छात्र-छात्राओं को उत्तर पुस्तिका के पुनर्मूल्यांकन की पात्रता नहीं होगी। विवि के अधिकारियों का मानना है कि पीजी में पुनर्मूल्यांकन नहीं होने से रिजल्ट प्रक्रिया समय पर हो सकेगी।
दो बार कराई जाएगी जांच
विवि ने पुनर्मूल्यांकन व्यवस्था समाप्त करने के साथ ही स्नातकोत्तर स्तर पर उत्तर पुस्तिकाओं की जांच की व्यवस्था में बदलाव किया है। मूल्यांकन में किसी प्रकार की गड़बड़ी न हो इसलिए प्रत्येक उत्तर पुस्तिका की दो बार जांच कराने का निर्णय किया है। सभी पीजी छात्र-छात्राओं की उत्तर पुस्तिकाओं का दो अलग-अलग शिक्षकों से मूल्यांकन कराया जाएगा। इन शिक्षकों की ओर से दिए गए अंकों के औसत के आधार पर परीक्षाफल का निर्धारण होगा।
विवि में पीजी परीक्षाओं में पुनर्मूल्यांकन प्रक्रिया समाप्त करने की कवायद पहले ही हो चुकी थी। लेकिन, नर्सिंग काउंसिल के पेंच के कारण एमएससी नर्सिंग फस्र्ट व सेकेंड सेमेस्टर और नर्स प्रेक्टिसनर इन क्रिटिकल केयर (एनपीसीसी) की परीक्षा में उत्तर पुस्तिकाओं के पुनर्मूल्यांकन की व्यवस्था जारी थी। विवि ने कार्यपरिषद की स्वीकृति प्राप्त करके वर्तमान सत्र से ही नर्सिंग की पीजी परीक्षाओं में पुनर्मूल्यांकन को समाप्त करने का प्रावधान लागू कर दिया है।