जबलपुरPublished: May 30, 2019 09:34:04 pm
prashant gadgil
हाईकोर्ट ने केंद्र, राज्य सरकार, केंट बोर्ड, कलेक्टर से पूछा
mp high court
जबलपुर। मप्र हाईकोर्ट ने सदर स्थित शिवाजी मैदान पर खेल के अलावा अन्य गतिविधियां व आयोजन कराने पर केंट बोर्ड को आड़े हाथ लिया। गुरुवार को जस्टिस अंजुलि पालो व जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की डिवीजन बेंच ने इस तर्क को सिरे से खारिज कर दिया कि यह केंट बोर्ड की आय का महत्वपूर्ण जरिया है। कोर्ट ने केंद्र, राज्य सरकार, कलेक्टर, केंट बोर्ड सीइओ से एक सप्ताह में जवाब मांग लिया।
यह है मामला
गली नम्बर १९ सदर केंट निवासी सुरेंद्र यादव ने जनहित याचिका में कहा कि सदर स्थित शिवाजी मैदान मूलत: सार्वजनिक खेल का मैदान है। यह केंट बोर्ड के अधीन है। लेकिन, केंट बोर्ड ने इस मैदान को आय का जरिया बना रखा है। लगातार इसे दशहरे सहित अन्य सामाजिक, धार्मिक व राजनीतिक आयोजनों के लिए किराए पर दिया जा रहा है। यहां मेला भी आयोजित होता है। इन आयोजनों से मैदान की दुर्दशा हो रही है। साथ ही क्षेत्र के खिलाडि़यों को अभ्यास व खेलकूद की गतिविधियों के एक प्रमुख स्थल के उपभोग से वंचित होना पड़ रहा है।
सुको के दिशानिर्देश का पालन नहीं
अधिवक्ता यश सोनी, अभिजीत सोनी व एसडी सोनी ने तर्क दिया कि संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत याचिकाकर्ता को स्वच्छ एवं स्वास्थ्यकर पर्यावरण में जीवन जीने का अधिकार है। कृष्णलाल गेरा विरुद्ध हरियाणा सरकार के प्रकरण में सुको यह स्पष्ट रूप से कह चुका है कि खेल के लिए निर्धारित मैदान का खेल व उससे जुड़ी गतिविधियों के अलावा अन्य उपयोग नहीं होना चाहिए। इसके बावजूद केंट बोर्ड अधिकारी लगातार यह अनियमितता कर रहे हैं। प्रारम्भिक सुनवाई के बाद कोर्ट ने सभी अनावेदकों से एक सप्ताह के अंदर अपना पक्ष पेश करने को कहा।