जबलपुर

MP में कोरोना संक्रमित मरीजों की जान से खिलवाड़ का सबसे बड़ा मामला!

– गुजरात पुलिस की कार्रवाई के बाद नींद से जागा जिला व पुलिस प्रशासन-मरीजों को लगे और लग रहे इस इंजेक्शन पर ही खड़ा हो रहा बड़ा सवाल

जबलपुरMay 09, 2021 / 12:41 pm

Ajay Chaturvedi

Redmacivir Injection

जबलपुर. जिले में रेडमिसिवर इंजेक्शन का बड़ा खेल होने की आशंका जताई जा रही है। गुजरात पुलिस के जबलपुर के दवा कारोबारी के गिरफ्तारी के बाद से जिला व पुलिस प्रशासन में जहां हड़कंप मचा है, वहीं स्वास्थ्य महकमा भी इससे अछूता नहीं है। कयास लगाए जा रहे हैं कि जिले के ज्यादातर कोरोना संक्रमित मरीजों को कहीं ये नकली इंजेक्शन ही तो नहीं लगाया गया है। वैसे गुजरात पुलिस की कार्रवाई के बाद से स्थानीय पुलिस भी हरकत में आ गई है। इसी के तहत सभी संदिग्ध स्थानों पर लगातार दबिश दी जा रही है।
बता दें कि गुजरात पुलिस, शुक्रवार को जबलपुर के आधारताल थाना क्षेत्र से सपन जैन नामक दवा कारोबारी को गिरफ्तार कर गुजरात ले गई। यहां यह भी बता दें कि गुजरात के मोराबी में नकली रेडमिसिवर इंजेक्शन बनाने और उसकी सप्लाई के मामले का खुलासा हुआ है, जिसके तार जबलपुर निवासी सपन जैन से जुड़े हैं। इसकी जानकारी होने के बाद से स्थानीय जिला व पुलिस प्रशासन तथा ड्रग विभाग हरकत में आया है। जिला प्रशासन ने संयुक्त टीम बना कर युद्ध स्तर पर छापेमारी शुरू कर दी है।
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बताया जा रहा है कि दो दिन पहले गुजरात पुलिस ने सपन जैन नाम के शख्स को अधारताल थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया था वो जबलपुर और आसपास के जिलों में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन आपूर्ति के इस खेल से जुड़ा हुआ पाया गया है। ऐसे में स्थानीय प्रशासन ने सपन जैन के ठिकानों पर छापेमारी की। दो दुकानें सील भी की गईं, जिसमें इसमें सत्यम मेडिकोज और भगवती फार्मा सेल्स शामिल है। जानकारी के मुताबिक बड़ी तादाद में नकली इंजेक्शनों की खेप जबलपुर में खापाई गई है। अब स्थानीय पुलिस व जिला प्रशासन के स्तर से गठित संयुक्त टीम इसकी छानबीन में जुटी है। मामले की जांच कर रहे अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रोहित कासवानी के मुताबिक फिलहाल सभी तथ्यों की जांच की जा रही है। कितने इंजेक्शन असली बताकर खपाए गए। किन-किन अस्पतालों में इसकी आपूर्ति की गई और इनके रैकेट में कितने सदस्य शामिल हैं, इन तमाम एंगल्स की जांच पुलिस कर रही है।
बताया जा रहा है कि नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन के इस गोरखधंधे में शहर के 2 बड़े अस्पतालों का भी नाम आया है। हालांकि फिलहाल पुलिस अस्पतालों का नाम उजागर करने के मसले मौन है। यह भी अंदेशा है कि ये नकली इंजेक्शन 200- 300 ही नहीं बल्कि इससे अधिक मात्रा में मध्यप्रदेश लाए गए और न केवल जबलपुर बल्कि आसपास के छोटे जिलों में भी इसकी सप्लाई की गई।
मरीजों की जान से खिलवाड़ का यह अब तक का प्रदेश का सबसे बड़ा मामला सामने आया है। इस गोरखधंधे ने जबलपुर के कोरोना संक्रमितों को लगे रेमडेसिवर इंजेक्शन की विश्वसनीयता पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं। सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या अस्पताल में भर्ती मरीज को दिए जा रहे थे या अब भी दिए जा रहे हैं। मरीजों को जो रेमडेसिवर इंजेक्शन लगाए जा रहे हैं वो असली है भी या नहीं अब इसकी आशंका हर किसी में है। बहरहाल पुलिस ने जल्द इस मामले पर गुजरात पुलिस की मदद से और अधिक नए खुलासे करने की बात कर रही है। जबलपुर पुलिस गुजरात पुलिस द्वारा अभिरक्षा में लिए गए सपन जैन से भी वीडियो कॉल के जरिए पूछताछ करेगी।
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