scriptमुंबई-हावड़ा मेल की पेंट्रीकार में ‘खाकी’ की मनमानी | Arbitrariness of 'Khaki' in Mumbai-Howrah Mail's pantrycar | Patrika News

मुंबई-हावड़ा मेल की पेंट्रीकार में ‘खाकी’ की मनमानी

locationजबलपुरPublished: Jun 17, 2022 11:28:24 am

Submitted by:

manoj Verma

मैनेजर को धमकाकर किया जाता है मुफ्त में सफर और भोजन

Arbitrariness of 'Khaki' in Mumbai-Howrah Mail's pantrycar

मुंबई-हावड़ा मेल की पेंट्रीकार में खाकी का दबदबा है। दबदबा ऐसा है, जिसमें खाकी मुफ्त में सफर के साथ लजीज व्यंजनों का लुत्फ भी उठा रही है।

जबलपुर. मुंबई-हावड़ा मेल की पेंट्रीकार में खाकी का दबदबा है। दबदबा ऐसा है, जिसमें खाकी मुफ्त में सफर के साथ लजीज व्यंजनों का लुत्फ भी उठा रही है। पेंट्रीकार के जिम्मेदार खाकी के इस कारनामे पर रोक नहीं लगा पा रहे हैं, जिससे इनकी संख्या बढ़ती जा रही है। एक्सपोज स्टिंग में बुधवार को यह सामने आया, जिसमें खाकी पेंट्री के जिम्मेदार को कहते हुए बोगी में सवार हो गए थे। ऐसे हालात में खाकी रेलवे के नियमों को दरकिनार कर राजस्व को क्षति पहुंचा रही है।
रेलवे के नियम

रेलवे के नियमानुसार पेंट्रीकार में सफर नहीं किया जा सकता है। यदि ट्रेन की पेंट्रीकार में सफर करते कोई व्यक्ति मिल जाता है तो कार्मर्शियल विभाग उस व्यक्ति से एसी-1 का किराया बतौर अर्थदंड लेती है। यह किराया ट्रेन शुरू होने से लेकर ट्रेन के अंतिम स्टॉप तक रहता है।
रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 5 पर ट्रेन नंबर 12322 अप मुंबई-हावड़ा मेल की पेट्रीकार नंबर 196947 में बुधवार दोपहर 1.40 बजे खाकी सवार होती रही। इस दौरान पेंट्रीकार में खाने-पीने का सामान भी चढ़ाया जा रहा था। इसमें पानी की बोतल आदि शामिल थी। इस दौरान मौके पर तीन जवान पहुंचे और उन्होंने पेंट्रीकार मैनेजर को बैठने के लिए कहते हुए उसमें सवार हो गए।
एक्शन होगा

ट्रेन के प्लेटफॉर्म पर खड़े रहने के दौरान मैनेजर प्लेटफॉर्म की बेंच पर ही बैठा रहा। इस मामले में मैनेजर से बातचीत की गई तो उसका कहना था कि…

पेंट्रीकार में लोग सफर कर सकते हैं क्या? नहीं, पेंट्रीकार में अलाऊ नहीं है।
तो फिर इसमें खाकी बैठ रही है? क्या करें भैया। हमें रोज चलना है। हम कुछ नहीं कर सकते।

लेकिन इसमें रेलवे तो कर सकता है? हां, हमने कई बार रनिंग स्टाफ आदि को कहा है, लेकिन कुछ नहीं हुआ।
ये क्या पूरी ट्रेन में ऐसे ही चलते हैं? हां, ट्रेन शुरू होने के बाद से लेकर आखिरी तक ये रहते हैं। बीच-बीच में बदलते रहते हैं।

लेकिन इन पर कार्रवाई भी तो होती है? पता नहीं, हमारे सामने तो नहीं हुई
– ट्रेनों की पेंट्रीकार, एसी कोच आदि में औचक चैकिंग की जाती है। इस मामले की जानकारी नहीं है। इसमें एक्शन लिया जाएगा।

सुनील श्रीवास्तव, डीसीएम, जबलपुर रेल मंडल

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