घर पर भी शास्त्र बाहर नहीं निकाले जाते इसलिए यह पूजा आकर्षण का केंद्र रही। लोगों ने पूजन के पश्चात वितरित की गई है। भंडारा प्रसाद का ग्रहण किया और शहर को प्रदेश एवम देश में अग्रणी बनाने के लिए माता भवानी से प्रार्थना की। डॉक्टर स्वाति गोडबोले महापौर ने कहा पूजन हमारी संस्कृति है शस्त्र पूजन धर्म है। यह धर्म मानवता की रक्षा इंसानियत और दीन-हीन की सुरक्षा के लिए होता है। इस परंपरा का निर्वहन अनादि काल से होता आया है। क्षत्रिय समाज आज भी उसी आस्था के साथ अन्य समाजों के बीच अपनी छवि बरकरार रखे हुए हैं। मृदुभाषी होने के साथ यह छत्रिय समाज धर्म रक्षा के लिए अग्रणी माना जाता है। शस्त्र पूजन इसका प्रतीक है।
अध्यक्ष शैलेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा महाराणा प्रताप राणा सांगा जैसे क्षत्रिय और राजपूतों ने दुश्मनों से जब लोहा लिया। उसका उद्देश्य एक ही था मैं एक ही संदेश दिया कि मानवता के लिए स्वयं को समर्पित करना ही छत्रिय धर्म है। क्षत्रिय समाज आज भी इन आदर्शों और उद्देश्यों को पूरा करने का प्रयास कर रहा है। इस मौके पर बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।
समाज द्वारा प्रतिबंध वर्षानुसार दशहरा के अवसर पर शस्त्र पूजन किया जाता है। रानीताल यूथ क्लब विजयनगर शाही पैलेस अधारताल रांझी गोकलपुर सहित क्षत्रिय समाज की अन्य शाखाएं दशहरा के अवसर पर शस्त्र पूजन एवं सामाजिक मिलन का कार्यक्रम आयोजित करती।