आधुनिक टैंकभेदी बम बनेंगे सेना की ताकत
ओएफबी चेयरमैन ने कहा

जबलपुर. ऑर्डनेंस फैक्ट्री बोर्ड (ओएफबी) के चेयरमैन और डायरेक्टर जनरल एसके चौरसिया ने बुधवार को ओएफके के एफ-३ सेक्शन में ७५१ टैंकभेदी बम की असेम्बलिंग लाइन का निरीक्षण किया। उत्पादन की तैयारियों पर संतोष जाहिर करते हुए कहा, आधुनिक तकनीक वाला यह बम जल्द ही सेना की ताकत बनेगा। चौरसिया ने एफ-१२ सेक्शन का निरीक्षण कर फ्यूज का उत्पादन भी देखा। फैक्ट्री के अधिकारियों, यूनियन और एसोसिएशन के प्रतिनिधियों साथ बैठक की। हालांकि कर्मचारी संगठनों ने ज्ञापन देकर बैठक और विदाई समारोह का बहिष्कार किया।
इससे पहले चौरसिया ने बुधवार सुबह वेस्टलैंड में पौधरोपण किया। यहां से खमरिया फैक्ट्री गए और दुर्गा मंदिर में पूजन किया। इसके बाद उन्होंने फैक्ट्री के अधिकारियों के साथ उत्पादन लक्ष्य के संबंध में चर्चा की। वरिष्ठ महाप्रबंधक एके अग्रवाल ने उन्हें फैक्ट्री के उत्पादन लक्ष्य में कटौती और उससे होने वाले सम्भावित नुकसान की जानकारी दी। ओवर टाइम में कटौती से कर्मचारी संगठनों के आंदोलन से भी अवगत कराया।
चुनौतियों का करें सामना
बोर्ड चेयरमैन बुधवार को जीआइएफ भी गए। उन्होंने सभी सेक्शनों ढलाई का काम देखा। अधिकारियों के साथ बैठक में कहा, आयुध निर्माणियों के सामने नई चुनौतियां आ रही हैं। सबको मिलकर उनका सामना करना होगा।
बैठक में दिखाए काले झंडे
जबलपुर. ओएफके के उत्पादन लक्ष्य में कटौती और कर्मचारियों को बराबर ओवरटाइम नहीं देने सहित अन्य मांगों को लेकर संघर्ष समिति ने ओएफबी चेयरमैन और डायरेक्टर जनरल की बैठक और विदाई समारोह का बहिष्कार कर काले झंडे दिखाए। इससे पहले सुबह गेट नम्बर-सात के सामने द्वारसभा कर बोर्ड के खिलाफ नारेबाजी की।
संघर्ष समिति के कार्यकर्ताओं ने कहा, फैक्ट्री को समय पर बमों का रॉ मटेरियल नहीं मिल रहा है। जो मटेरियल आ रहा है, उसकी गुणवत्ता ठीक नहीं है। इस दौरान अरुण दुबे, अजय तिवारी, राकेश शर्मा, रामप्रवेश, डीके चौधरी, पुष्पेन्द्र सिंह, रूपेश पाठक, अर्नबदास गुप्ता, केबीएस चौहान, सुनील श्रीवास्तव, दिनेश पांडे, विवेक शर्मा आदि मौजूद थे।
जबलपुर में खुलेगा देश का अगला डिफेंस क्लस्टर
जबलपुर. देश का अगला डिफेंस क्लस्टर जबलपुर में खुलेगा। केंद्र सरकार इसकी योजना बना रही है। आर्डनेंस फैक्ट्री बोर्ड के चेयरमैन और डायरेक्टर जनरल सुनील कुमार चौरसिया ने बुधवार को महाकोशल अंचल मेंं औद्योगिक विकास में सुरक्षा संस्थानों की भूमिका विषय पर आयोजित परिचर्चा में यह जानकारी दी। उन्होंने यह भी कहा, वीकल या कोई दूसरी फैक्ट्री बंद नहीं की जाएगी।
चेम्बर अध्यक्ष रवि गुप्ता ने जबलपुर के सुरक्षा संस्थानों के सहारे स्थापित सहायक उद्योगों की परेशानियों को रखा। ओएफके के वरिष्ठ महाप्रबंधक एके अग्रवाल ने फैक्ट्री प्रबंधन और उद्योगपतियों के बीच समन्वय बैठक नियमित रूप से चालू करने का आश्वासन दिया। जीआइएफ के महाप्रबंधक डीके बंगोत्रा ने सुरक्षा संस्थानों और सहायक उद्योगों को मिलकर मेक इन इंडिया के तहत कार्य करने को जरूरी बताया।
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