जबलपुर

युवतियों ने लिया देश की सुरक्षा का संकल्प

सेना में भर्ती होने सात राज्य और दो केन्द्र शासित राज्यों की प्रतिभागीं आईं
 

जबलपुरSep 18, 2019 / 11:14 am

gyani rajak

Enlisted in the army, the young women came to the city with the passion to protect the country. The recruitment of women soldiers in the army started on Tuesday at the PT Ground of Jammu and Kashmir Rifle Regimental Center. Seeing the enthusiasm of the women in the rally.

जबलपुर . सेना में भर्ती होकर देश की रक्षा का जज्बा लेकर युवतियां शहर आईं। जम्मू एंड कश्मीर रायफल रेजीमेंटल सेंटर के पीटी ग्राउंड में मंगलवार से सेना में महिला सिपाही की भर्ती शुरू हुई। रैली में युवतियों का उत्साह देखते ही बना। पहले दिन मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ की युवतियों को शामिल किया गया। चाहे 16 सौ मीटर दौड़ हो या हाई और लॉन्ग जम्प हर विधा में उन्होंने अपने को श्रेष्ठ साबित करने की कोशिश की। इन युवतियों का हर पड़ाव पर आर्मी के अफसरों ने हौसला बढ़ाया। पहले दिन करीब 198 युवतियों ने रैली में भाग लिया। इसमें 34 सफल रहीं।

आर्मी पुलिस में महिला सिपाहियों की भर्ती के लिए शहर के जम्मू एंड कश्मीर रायफल रेजीमेंटल सेंटर में भर्ती रैली आयोजित की जा रही है। मंगलवार से इसकी शुरुआत हुई। एमबी एरिया के सीओएस मेजर जनरल एसएस कहलोन ने हरी झंडी दिखाकर युवतियों की दौड़ शुरू कराई। बुधवार को पांच राज्य गोवा, महाराष्ट्र, झारखंड, बिहार, गुजरात के अलावा दो केन्द्र शासित राज्य दादरा नगर हवेली एवं दमन व दीव राज्य की युवतियां इसमें भागीदारी करेंगी।

गिरी, फिर संभली और पास
मैदान में युवतियां अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए दिखीं। पहली बार सेना पुलिस में भर्ती का मौका वह किसी भी सूरत में गंवाना नहीं चाहती थीं। 16 सौ मीटर दौड़ में युवतियों ने पीटी ग्राउंड के चार चक्कर लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। कुछ बीच में मैदान छोड़ गई तो कुछ आगे बढ़ती नजर आईं। दौड़ में सफल होने के बाद उन्होंने लॉन्ग जम्प और हाई जम्प में अपना कौशल दिखाया। जो युवतियां सफल हुई उनके चेहरे पर खुशी खिलखिला उठी। वहीं जो पास नहीं हो सकीं उन्होंने दोबारा प्रयास करने की बात कही।

सेना में शामिल होने का सपना था। आज मौका मिला तो उसे गंवाना नहीं चाहती हूं। मेरे दादाजी भी कहते हैं देश सेवा का यह भी एक जरिया है। मौका मिले तो सेना में जरूर शामिल होना।

नेहा राजपूत
एनसीसी में थी, तभी से सोच लिया था कि सेना में जरूर जाउंगी। मेरे पिता भी सेना में थे। उन्हें देखकर बड़ी हुई। सोचा था मैं भी उनकी तरह सेना ज्वाइन करूं। आज मौका मिल गया है।

संध्या भदौरिया
इंडियन आर्मी में शामिल होना बड़े गर्व की बात होती है। मेरी सोच रही है कि हमेशा देश की सेवा करूं। अगर इसका माध्यम सेना हो तो इससे बेहतर और क्या हो सकता है।

हिमांश रानावत
लड़कियां किसी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं। निश्चित रूप से सेना का काम कठिन होता है। लेकिन यदि ठान लिया जाए तो कठिनाई पीछे हो जाएगी। यही सोचकर यहां आई हंू।

नीलम परमार

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