जबलपुर

Mp High Court से सहायक वन संरक्षक को राहत नहीं, चलेगा भ्रष्टाचार का मुकदमा

Mp High Court ने कहा-विधि विभाग को है अभियोजन स्वीकृति देने का अधिकार, याचिका की निरस्त

जबलपुरJul 11, 2019 / 08:03 pm

abhishek dixit

High Court jabalpur

जबलपुर. मप्र हाईकोर्ट से भ्रष्टाचार के आरोप में घिरे शहडोल जिले में कार्यरत रहे सहायक वन संरक्षक चंद्रसेन वर्मा को कोई राहत नहीं मिल सकी। कोर्ट ने इस मामले में अभियोजन स्वीकृति के खिलाफ याचिका 8 साल बाद निरस्त कर दी। जस्टिस सुजय पॉल व जस्टिस बीके श्रीवास्तव की डिवीजन बेंच ने कहा कि विधि एवं विधायी कार्य विभाग को ऐसे मामलों में अभियोजन स्वीकृति देने का अधिकार है। मूल विभाग की मंजूरी जरूरी नहीं।

यह है मामला
शहडोल जिले की सोहागपुर तहसील में सहायक वन संरक्षक के रूप में पदस्थ रहे चंद्रसेन वर्मा ने 2011 में यह याचिका दायर की थी। कहा गया कि एक शिकायत के आधार पर लोकायुक्त की विशेष पुलिस स्थापना शाखा ने 2011 में उसके खिलाफ भ्रष्टाचार का प्रकरण दर्ज किया। विधि एवं विधायी कार्य विभाग ने लोकायुक्त के आवेदन पर वर्मा के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कोर्ट में मामला पेश करने के लिए 3 अक्टूबर 2011 को अभियोजन स्वीकृ ति प्रदान कर दी। याचिकाकर्ता का मूल विभाग वन विभाग है। लेकिन अभियोजन के लिए मूल विभाग से मंजूरी नहीं ली गई। लोकायुक्त के अधिवक्ता सत्यम अग्रवाल ने तर्क दिया कि विधि एवं विधायी विभाग को भ्रष्टाचार के मामलों में अभियोजन की मंजूरी देने के लिए शक्तियां दी गई हैं। लिहाजा विधि एवं विधायी कार्य विभाग इसके लिए प्राधिकृत है। सहमत होकर कोर्ट ने उक्त अभियोजन स्वीकृति को उचित करार देते हुए याचिका निरस्त कर दी।

Home / Jabalpur / Mp High Court से सहायक वन संरक्षक को राहत नहीं, चलेगा भ्रष्टाचार का मुकदमा

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.