scriptनामी बिल्डर का गजब कारनामा,बेच दी एसपी बंगले की जमीन | Astonishing feat, renowned builder sold SP bungalow land | Patrika News

नामी बिल्डर का गजब कारनामा,बेच दी एसपी बंगले की जमीन

locationजबलपुरPublished: Nov 27, 2019 11:53:32 am

– जबलपुर के एसपी बंगले की रजिस्ट्री कराने वाले बिल्डर का दावा पूर्व में हाईकोर्ट से हो चुका है खारिज, बिल्डर ने तथ्यों को छुपाकर एडीजे कोर्ट में दायर किया है परिवाद

jabalpur police

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जबलपुर . जबलपुर के एसपी बंगले के इस 3900 वर्गफीट हिस्से का खसरा क्रमांक पहले एक व्यक्ति के नाम पर चढ़वाया गया और फिर समदडिय़ा बिल्डर की ओर से 2003 में उसकी रजिस्ट्री करा ली गई। एसपी बंगले के पास की जमीन की रजिस्ट्री की जानकारी वर्ष 2005 में तब सामने आई, जब बिल्डर ने कोर्ट में ये कहते हुए परिवाद दायर किया कि उसकी रजिस्ट्री कराई गई जमीन को पुलिस से खाली करायी जाए।
साउथ सिविल लाइंस स्थित एसपी बंगले के 3900 वर्गफीट हिस्से की वर्ष 2003 में रजिस्ट्री कराने वाला समदडिय़ा बिल्डर इस मामले में लोअर व हाईकोर्ट से हार चुका है। दावा खारिज होन के बाद उसने कीमत को लेकर नए सिरे से एडीजे कोर्ट में परिवार दायर किया है। पूरे मामले मे एसपी अमित सिंह का कहना है कि बिल्डर की ओर से तथ्यों को छिपाकर परिवाद दायर किया गया है, जिस पर कानूनी तौर पर अपना पक्ष जिला पुलिस प्रशासन ने अदालत में रखा है।जानकारी के अनुसार यह प्रकरण वर्ष 1993 से चल रहा है। प्रकरण में तत्कालीन एसपी मकरंद देउस्कर की ओर से कोर्ट में चुनौती दी गई। समदडिय़ा बिल्डर पर आरोप है कि उसने तथ्यों को छिपाकर फर्जी तरीके से दस्तावेज तैयार कर रजिस्ट्री करायी है। इसका रिकॉर्ड राजस्व विभाग भी नहीं पेश कर पाया। वर्तमान में इस बंगले के 3900 वर्गफीट हिस्से को लेकर कीमत के आधार पर तथ्यों को छिपाकर नए सिरे से परिवार दायर किया गया है।
एसपी बंगले का ये है इतिहास और विवाद
-ब्रिटिश काल मे इस बंगले पर एएसपी रैंक के अधिकारी निवास करते थे।-यहां 1944 में लेफ्टीनेंट गवर्नर सीपी बरार निवास करते थे।
-1973 में राज्य शासन ने इस बंगले को पुलिस अधीक्षक निवास के रूप में आवंटित कर दिया।
-वर्ष 1993 में परिसर के 3900 वर्गफीट हिस्से को एक खसरा में दर्शाते हुए बेचने की बात सामने आई।
-वर्ष 2005 में लगभग पांच एकड़ में फैले इस बंगले के 3900 वर्गफीट हिस्से की रजिस्ट्री कराने की बात सामने आई।
-लोअर कोर्ट व हाईकोर्ट से पुलिस के पक्ष में फैसला आ चुका है।
-बिल्डर की ओर से कीमत के आधार पर वर्तमान में एडीजे अयाज खान की कोर्ट में प्रकरण लम्बित है।
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