जबलपुर

cashless atm: बिटिया की शादी के पहले रुपयों के लिए भटके लोग, खतरें में खरीदी

अक्षय तृतीया के मुहूर्त पर सरकार और बैंकों की लापरवाही पड़ी भारी

जबलपुरApr 17, 2018 / 10:46 pm

deepankar roy

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जबलपुर। अक्षय तृतीया के शुभ मुहूर्त पर बुधवार को कई बेटियों की डोली उठना है। घर पर मेहमानों का डेरा है। जरुरतें सिर पर खड़ी है, आवश्यक खरीदी भी करना है। लेकिन सवाल एक है कि आखिर इसके लिए रुपए कहां से लाएं? एटीएम ही बंद है। यह हर उस व्यक्ति की पीड़ा है जिसके बुधवार को सात फेरों की रस्म पूरी होना है। लेकिन शादी की तैयारियों को छोड़ इन परिवारों का हर सदस्य सुबह से शाम तक एटीएम की खाक छान रहा है। ताकि कुछ नोट निकल आए और शादी की तैयारियों को पूरा किया जा सकें। लेकिन नकदी की किल्लत ने अक्षय तृतीया पर होने वाले इन शादी समारोहों की व्यवस्था पर ग्रहण लग गया।

ऐसे रहे हालात
पिछले सप्ताह भर से शहर के ४०० के लगभग बैंकों के एटीएम हालात शहरवासियों को रूला रहे हैं। नोटबंदी के बाद जैसे हालात बनते जा रहे हैं। शादी-विवाह, स्कूल फीस सहित रोजमर्रा के खर्चों के लिए लोग एक एटीएम से दूसरे की दौड़ लगाते रहे। अक्षय तृतीया पर होने वाले विभिन्न सामाजिक, धार्मिक व शादी समारोह के लिए भी लोग घंटों बैंकों में लाइन लगाए रहे। यही हालात उन एटीएम पर भी देखी गई, जहां पैसे थे। सबसे ज्यादा खराब हालात एसबीआई के एटीएम की है। एटीएम से रुपए नहीं निकने से अक्षय तृतीय पर गहनें-गाड़ी घर लाने के लिए बुकिंग कराने वाले लोगों की तैयारियों पर भी पानी फिरने की नौबत है।

बैंक अधिकारी ने कही ये बात
जिले में एसबीआइ के करीब 250 एटीएम हैं। वहीं पंजाब नेशनल बैंक के 38, सेंट्रल बैंक के 36 और यूनियन बैंक के 35 से ज्यादा स्थानों पर एटीएम हैं। निजी बैंकों के भी लगभग ४० एटीएम हैं। भारतीय स्टेट बैंक अधिकारियों के अनुसार वैवाहिक सीजन चल रहा है। खरीदारी के लिए ग्राहकों को पैसा चाहिए। हम दे नहीं पा रहे हैं। शहर की कई ब्रांचों में पैसे की किल्लत की वजह से ग्राहकों और बैंक कर्मियों में विवाद भी हो रहे हैं। यहां तक बैंकों से भी लोगों को सीमित मात्रा में पैसे दिए जा रहे हैं।

यह भी वजह
– मालदार और रसूखदार लोगों ने मार्केट का पैसा समेटकर जमा कर लिया है।
– खासकर 2000 के नोट मार्केट से गायब कर दिए गए हैं।
– अब हवाला के जरिए पैसे को सर्कुलेट किया जा रहा है।
– अकेले मध्य प्रदेश में ही प्रतिदिन 500 करोड़ रुपए के आसपास कर लेन-देन हवाला के जरिए किया जा रहा है।
– शहर में रोजाना 400 करोड़ रुपए का आईपीएल सट्टे पर दांव लगाने की बात सामने आयी है।

पैसा सर्कुलेट न होने से बनीं ये स्थिति
भारतीय स्टेट बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक प्रभाष कुमार के अनुसार नकदी का पर्याप्त स्टॉक नहीं है। इससे एटीएम में उतनी मात्रा में नोट नहीं भरे जा रहे हैं। स्थितियों में जल्द सुधार लाने के प्रयास किए जा रहे हैं। सेंट्रल बैंक के सीनियर रीजनल मैनेजर पीवी सांइ सुब्रमणि के अनुसार पैसा सर्कुलेट न होने से यह स्थिति बनी है। एटीएम में पर्याप्त राशि हो, इसके लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।

 

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