ऐसे करते थे एटीएम क्लोनिंग
एटीएम के स्वाइप में कुछ ऐसा फंसा देते थे कि कार्ड काम न करें। फिर स्काईप कैमरा ऑन कर इस गैंग के गुर्गे एटीएम में पैसे निकालने गए लोगों से मदद के बहाने एटीएम ले लेते थे। उसका एटीएम बदल कर स्कैमर से कॉपी कर लेते थे। उसका गोपनीय पिन रिकॉर्ड कर लेते थे। इसके बाद स्कैमर को लैपटॉप से कनेक्ट कर विशेष सॉफ्टवेयर की मदद से एटीएम कार्ड की कॉपी किए गए डाटा को दूसरे किसी भी एटीएम कार्ड में ओवरकॉपी कर देते थे। फिर इस क्लोन एटीएम की मदद से किसी दूसरे शहर में जाकर रात 12 से एक बजे के बीच रकम निकाल लेते थे। इस गैंग ने मुम्बई, रायपुर, बालाघाट, सिवनी, मंडला, डिंडोरी, रीवा, कटनी, सतना, छिंदवाड़ा आदि शहरों में भी इसी तरह की वारदात को अंजाम दिया है।
अधारताल में दर्ज दो एटीएम क्लोनिंग के प्रकरण
एसपी अमित सिंह ने सोमवार को पुलिस कंट्रोल रूम में मामले का खुलासा करते हुए बताया कि अधारताल थाने में चार जनवरी को मंटा डेयरी निवासी जनार्दन सिंह और पांच जनवरी को सीओडी कॉलोनी सुहागी निवासी विक्रांत शर्मा ने एटीएम का क्लोन बनाकर 60 हजार रुपए निकाले जाने का प्रकरण दर्ज कराया था। जनार्दन के खाते से जहां 26 व 27 अगस्त 2019 के बीच 50 हजार रुपए निकले थे। वहीं विक्रांत के खाते से 23 दिसम्बर को पैसे निकले थे। दोनों ही मामलों में एटीएम के सीसीटीवी फुटेज के आधार पर आरोपियों का पता लगाया गया।
पनागर से दबोचा गया आरोपी
एसपी अमित सिंह ने बताया कि क्राइम एएसपी शिवेश सिंह की टीम ने रविवार को पनागर कस्बे में दबिश देकर कार एमएच 03बीसी 9998 में सवार तिलौरी सगरा सुंदरपुर प्रतापगढ़ (यूपी) निवासी अब्दुल कलाम खान को दबोच लिया। उसके छह अन्य साथी पुलिस को देखते ही भाग निकले। उनकी पहचान अब्दुल के भाई सैय्यद खान उर्फ शहजाद, रिश्तेदार सगरा सुंदरपुर निवासी ओमप्रकाश जायसवाल व नसीरूद्दीन, पतुर्की गांव निवासी आरिफ खान व वसीम, मकई गांव निवासी जाहिद अली के तौर पर हुई।