ऑडिट रिपोर्ट से तय होगी निजी स्कूलों की फीस में बढ़ोतरी
रिपोर्ट के आधार पर ही स्कूल अपनी फीस तय कर सकेगा

जबलपुर . निजी स्कूलों में फीस नियंत्रण को लेकर नियम बनाने और फीस तय करने के लिए स्कूलों की ऑडिट रिपोर्ट तैयार करनी होगी। इस रिपोर्ट के आधार पर ही स्कूल अपनी फीस तय कर सकेगा। स्कूल शिक्षा विभाग ने स्कूलों को इंटरनल ऑडिट रिपोर्ट तैयार करने के लिए कहा है। रिपोर्ट के आधार पर स्कूल शिक्षा विभाग तय करेगा और नियम बनाएगा कि अधिकतम कितनी फीस बढ़ाई जा सकती है। स्कूलों को तीन माह का समय ऑडिट रिपोर्ट तैयार करने के लिए दिया गया है। जिले के किसी भी स्कूल द्वारा अभी तक ऑडिट रिपोर्ट तैयार नहीं की जा सकी है।
कलेक्टर करेंगे सुनवाई
यदि कोई स्कूल 10 फीसदी फीस बढ़ाता है और अभिभावक इस पर सहमत नहीं है तो वह अपनी आपत्ति दर्ज कर सकेगा। कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित समिति जांच करेगी और देखेगी कि उसके द्वारा की गई फीस वृद्धि आवश्यक है या नहीं। आपत्ति सही होने पर फीस यथावत की जा सकेगी। विभाग ने फीस नियामन अधिनियम की धारा 18 के तहत राजपत्र में अधिसूचना जारी कर दी है। वर्ष 2018 में स्कूलों को फीस वृद्धि 10 प्रतिशत के भीतर ही रखने को कहा गया है। इससे अधिक फीस कोई भी स्कूल नहीं बढ़ा सकेगा। फीस वृद्धि पर नियंत्रण के लिए नियमों को तैयार करने की कवायद शुरू कर दी गई है।
स्कूल इस साल अधिकतम 10 फीसदी तक बढ़ा सकेंगे शुल्क
इस सत्र के लिए स्कूल शिक्षा विभाग ने अधिकतम 10 फीसदी शुल्क बढ़ाने का निर्णय लिया है। सत्र की शुरुआत अगले माह हो जाएगी। इसे देखते हुए विभाग ने अभिभावकों को एक तरह से राहत दी है।
निजी स्कूलों की फीस को लेकर उच्चस्तर पर अधिसूचना जारी की गई है। नियमों में प्रावधान भी किए जा रहे हैं। इससे अभिावकों को राहत मिलेगी।
एनके चौकसे, जिला शिक्षा अधिकारी
स्कूलों द्वारा आडिट रिपोर्ट तैयार करने में हीला हवाली की जा रही है। रिपोर्ट तैयार करने में पहल नहीं की गई है।
मनीष शर्मा, अध्यक्ष अभिभावक उपभोक्ता मंच
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