चार शिलाएं भी तैयार
झोंतेश्वर में चर्चा के दौरान शंकराचार्य ने बताया कि श्रीराम मंदिर के निर्माण के लिए चार शिलाएं तैयार हो गई हैं। इनका नाम नंदा, भद्रा, जया और पूर्णा रखा गया है। धर्म संसद के बाद प्रयाग राज से उनकी अगुवाई में संत इन्हीं शिलाओं को लेकर अयोध्या प्रस्थान करेंगे। उनके साथ राम भक्तों का बड़ा प्रतिनिधि मंडल भी शामिल रहेगा।
28 से धर्म संसद
द्वारिका एवं ज्योतिष पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने बताया कि प्रयागराज में 28 जनवरी से धर्म संसद का शुभारंभ होगा। इसका समापन 30 जनवरी को होगा। धर्म संसद में देश भर से आए संत व प्रबुद्धजन शामिल होंगे। इस दौरान राम मंदिर निर्माण समेत सनातन धर्म से जुड़े कई मसलों पर चिंतन-मंथन किया जाएगा।
उधर भी कड़ी चेतावनी
उल्लेखनीय है कि राम मंदिर निर्माण के मसले पर अन्य संतों ने भी मोर्चा सम्हाल लिया है। कई संतों ने तो भाजपा को तक आड़े हाथों ले लिया है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष मंहत नरेंद्र गिरी ने भी एलान कर दिया है कि यदि अयोध्या में कुंभ मेले से पहले राममंदिर निर्माण पर फैसला नहीं हुआ, तो नागा संन्यासी अयोध्या के लिए कूच करेंगे। महंत ने कहा है कि कुंभ मेले में होने वाली विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) की धर्म संसद में देश भर से जुटे साधु संत राम मंदिर के निर्माण पर विचार-विमर्श करेंगे।
ये भी बोले महंत
उल्लेखनीय है कि अखाड़ा परिषद के महंत नरेंद्र गिरी ने खुलासा किया था कि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अयोध्या विवाद के मुस्लिम पक्षकार इकबाल अंसारी और सुन्नी वक्फ बोर्ड के साथ लगातार सम्पर्क में है। साथ ही सुलह समझौते से अयोध्या विवाद का हल निकलाने की कोशिश भी की जा रही है।’ महंत ने कहा कि बीजेपी नेताओं को यह भ्रम है कि विकास के नाम पर देश की जनता ने उन्हें वोट दिया है। बीजेपी को हिन्दुओं ने सिर्फ और सिर्फ राम मंदिर के नाम पर ही वोट दिया था।
तो भाजपा का ये आखिरी साल
नरेंद्र गिरी ने यह भी चेतावनी दी है कि ‘बीजेपी यदि राम मंदिर मुद्दे को उठा लेती है और निर्माण शुरू करा देती है तो देश में अगले पचास साल तक राज करेगी। और यदि उसके द्वारा राम मंदिर का निर्माण शुरू नहीं कराया गया तो यह उसका आखिरी साल होगा।’ उन्होंने कहा था कि सभी पक्षकारों के बीच सहमति न बनने पर दो ही रास्ते बचते हैं, सुप्रीम कोर्ट के फैसले से या फिर संसद में कानून बनाकर मंदिर का निर्माण शुरू हो।