जबलपुर

Ayush colleges : प्राध्यापकों को नोटराइज्ड शपथ पत्र में बताना होगा घर का पता

आयुष कॉलेजों में फर्जीवाड़े पर अंकुश लगाने के लिए केंद्रीय आयुष मंत्रालय की पहल।

जबलपुरFeb 11, 2020 / 06:19 pm

praveen chaturvedi

medical University

जबलपुर। केंद्रीय आयुष मंत्रालय की सख्ती के बाद भी कुछ निजी कॉलेजों में शिक्षकों की फर्जी नियुक्ति की शिकायत मिल रही है। मान्यता के समय कॉलेजों से शिक्षकों का ब्योरा मांगने के साथ ही उनका एफीडेविट अनिवार्य कर दिया है। जांच में एफीडेविट झूठा मिलने पर कॉलेज के साथ ही शिक्षक के विरुद्ध भी कार्रवाई होगी। अभी तक सम्बंधित कॉलेज पर ही कार्रवाई की तलवार लटकती थी।

चालीस फीसदी शिक्षक दूसरे राज्यों से
प्रदेश में संचालित निजी आयुष कॉलेजों में करीब तीस से चालीस फीसदी शिक्षक अन्य राज्यों से हैं। सूत्रों के अनुसार अन्य राज्यों से पीजी की पढ़ाई करके आने वालों की संख्या ज्यादा है। इसमें कई डिग्रीधारी प्रदेश के प्राइवेट कॉलेजों के रेकॉर्ड में शिक्षक के रूप में काम रहे हैं। इसी दौरान कुछ शिक्षकों के निजी अस्पतालों में सेवाएं देने की शिकायत मिली है। एक शहर के कॉलेज में शिक्षक के रूप में नियुक्ति होने के बावजूद दूसरे शहर में क्लीनिक चला रहे हैं।

सुधरेगी गुणवत्ता
केंद्रीय आयुष मंत्रालय और सीसीआईएम को लम्बे समय से शिकायतें मिल रही हैं कि अन्य राज्यों में कई शिक्षक क्लीनिकल व अस्पताल चला रहे हैं। इनका नाम प्रदेश के कॉलेज में बतौर फैकल्टी दर्ज है। लेकिन, दूसरे राज्यों में प्रैक्टिस के कारण ये शिक्षक नियमित कॉलेज में पढ़ाने के लिए नहीं आते है। आयुष मेडिकल एसोसिएशन के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. राकेश पांडे के अनुसार एफीडेविट झूठे मिलने पर अब शिक्षकों के विरुद्ध 406 व 420 के तहत दंडात्मक कार्रवाई होगी।

प्रदेश में आयुष संस्थान
– 19 आयुर्वेद कॉलेज
– 15 होम्योपैथिक कॉलेज
– 04 यूनानी कॉलेज
– 03 नैचरोपैथी कॉलेज

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